MANREGA in Bihar : मोदी सरकार पर नीतीश सरकार का 4500 करोड़ रुपए उधार ! बिहार के 11 लाख मनरेगा मजदूरों को दिसंबर से नहीं हुआ भुगतान
बिहार में मनरेगा के तहत काम करने वाले करीब 11 लाख श्रमिकों का भुगतान पिछले तीन महीने से नहीं हुआ. इसका कारण केंद्र की मोदी सरकार से बिहार की नीतीश सरकार को 4500 करोड़ रूपये का भुगतान नहीं होना है.

Bihar News : मनरेगा यानी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करने वाले बिहार के श्रमिकों का भुगतान दिसंबर से बंद है. इससे बिहार में मनरेगा के तहत काम करने वाले हजारों मजदूरों को भारी वित्तीय संकट से जूझना पड़ रहा है. मनरेगा मजदूरों पर आई इस बाधा का कारण बिहार का केंद्र सरकार पर मनरेगा का 45 सौ करोड़ रुपये से अधिक का उधार है. इसका भुगतान नहीं होने से बिहार के मनरेगा मजदूरों पर संकट बताया जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार मनरेगा का 4500 करोड़ रुपए बकाया भुगतान को लेकर बिहार सरकार की ओर से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का ध्यान आकृष्ट कराया. बावजूद इसके अभी तक 45 सौ करोड़ रुपये से अधिक का उधार बाकी है. उधार की 4500 करोड़ रूपये की राशि में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 का सामग्री मद का का कुल बकाया लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये है. वहीं मनरेगा श्रमिकों का बकाया लगभग दो हजार करोड़ रुपये है. इससे बिहार में मनरेगा की यह योजना बुरी तरह प्रभावित हुई है.
दिसम्बर से बंद है भुगतान
केंद्र सरकार से 4500 करोड़ रूपये का बकाया भुगतान नहीं होने के कारण दिसंबर 2024 से ही श्रमिकों का भुगतान नहीं हो रहा है. प्रभावित मजदूरों की संख्या करीब 11 लाख बताई जा रही है जो राज्य के सभी 38 जिलों से जुड़े हैं. इस प्रकार पिछले करीब 3 महीनों से श्रमिकों का बकाया भुगतान नहीं हुआ है.
23 करोड़ से अधिक हुआ मानव दिवस सृजित
मनरेगा के तहत वर्ष में एक मजदूर को कम से कम 100 दिन का काम मिलता है. चालू वित्तीय वर्ष में बिहार में मनरेगा के तहत 17 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य था. हालांकि इसमें जोरदार उछाल देखा गया और 17 करोड़ लक्ष्य की तुलना में 23 करोड़ से अधिक हुआ मानव दिवस सृजित हुआ. लेकिन पिछले दिन महीने से करीब 11 लाख श्रमिकों को भुगतान नहीं होने से उनकी चिंताएं बढ़ी हुई हैं.