Bihar Politics: चुनाव के पहले बिहार में जातीय जनगणना को लेकर गरमाई राजनीति, RJD सांसद मनोज झा ने BJP पर साधान निशाना, कह दी इतनी बड़ी बात

Bihar Politics: राजद सांसद मनोज झा ने भाजपा पर जातीय जनगणना को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे दिखावा बताया और कहा कि जब तक आंकड़े सार्वजनिक नहीं होंगे, सामाजिक न्याय अधूरा रहेगा।

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BJP पर मनोज झा का बड़ा हमला- फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार में जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है। राज्यसभा सांसद और राजद नेता मनोज झा ने केंद्र सरकार और विशेष रूप से भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की मंशा जातीय आंकड़ों को दबाने और पिछड़े वर्गों को गुमराह करने की है। मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार की नीतियाँ सिर्फ आरक्षण विरोधी नहीं, बल्कि राजनीतिक अवसरवाद से प्रेरित हैं।

जातीय जनगणना एक राजनीतिक हथियार बन चुकी है

सांसद ने कहा कि पहलगाम की घटना के बाद अचानक जातीय जनगणना की सहमति देना, इस बात का संकेत है कि यह निर्णय सामाजिक न्याय नहीं, राजनीतिक रणनीति के तहत लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है और इसे सिर्फ दिखावे की राजनीति कहा जा सकता है।

जातियों की गिनती हो रही है, मगर आंकड़े छिपाए जा रहे हैं

मनोज झा ने यह भी कहा कि गिनती तो होगी, लेकिन जातीय आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे, ये खुद गृह मंत्री कह चुके हैं। फिर सामाजिक न्याय की दिशा में इस प्रक्रिया का क्या लाभ? उन्होंने यह स्पष्ट किया कि केवल जातियों की संख्या गिनना ही काफी नहीं, जब तक उप-जातियों की स्थिति और उनके प्रतिनिधित्व पर आंकड़े सामने नहीं लाए जाते, तब तक यह कवायद निरर्थक है।

OBC की वास्तविक संख्या से भाग रही है सरकार

राजद सांसद ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ओबीसी और ईबीसी वर्ग की वास्तविक जनसंख्या बताने से कतरा रही है। उन्होंने पूछा अगर संसद में OBC पर बहस होनी है, तो उनके सटीक आंकड़े कौन देगा? और यदि निजी क्षेत्र में OBC की उपस्थिति को छिपाया गया, तो देशभर में इसका आक्रोशपूर्ण विरोध होगा।”

नीति और योजना पर केंद्र क्यों चुप है?

उन्होंने केंद्र सरकार से यह मांग की कि जातीय जनगणना के बाद जो भी नीतिगत कदम उठाए जाएंगे, उनकी योजना और प्राथमिकताएं स्पष्ट की जाएं। मनोज झा ने कहा कि जब तक सरकार यह नहीं बताएगी कि जातीय आंकड़ों का उपयोग कैसे होगा, तब तक इस गणना का कोई अर्थ नहीं है।