Prashant kishor Met Priyanka gandhi: बिहार की राजनीति में हलचल तेज!प्रियंका गांधी-प्रशांत किशोर के बीच मुलाकात, जानें अंदर की बात

Prashant kishor Met Priyanka gandhi: बिहार चुनाव के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रशांत किशोर की कथित मुलाकात ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। क्या कांग्रेस और जन सुराज के बीच नई रणनीति बन रही है? जानिए पूरी खबर।

Prashant kishor Met Priyanka gandhi
प्रियंका गांधी की प्रशांत किशोर से मुलाकात- फोटो : social media

Prashant kishor Met Priyanka gandhi: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के बीच हुई एक कथित मुलाकात ने सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह बैठक पिछले सप्ताह दिल्ली में सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10, जनपथ पर हुई थी। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जन सुराज दोनों को ही करारी हार का सामना करना पड़ा है।

सूत्रों के मुताबिक, इस बातचीत का केंद्र भविष्य की राजनीति और भारतीय जनता पार्टी तथा जनता दल यूनाइटेड के खिलाफ नई रणनीति तैयार करना रहा। हालांकि, सार्वजनिक रूप से दोनों पक्ष इस मुलाकात को लेकर कोई स्पष्ट बयान देने से बचते नजर आए हैं। प्रियंका गांधी से जब इस विषय पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे निजी मामला बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व से किसी भी तरह की मुलाकात की खबर को सिरे से खारिज कर दिया।

बिहार चुनाव में दोनों पक्षों का प्रदर्शन 

इस मुलाकात की चर्चा इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि हालिया बिहार चुनाव में दोनों पक्षों का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा। जन सुराज ने राज्य की 238 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो सका। दूसरी ओर कांग्रेस ने 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से केवल छह सीटों पर जीत मिली। यह प्रदर्शन पिछले चुनाव की तुलना में भी काफी कमजोर रहा।

प्रशांत किशोर और कांग्रेस के रिश्ते

प्रशांत किशोर और कांग्रेस के रिश्ते नए नहीं हैं। इससे पहले 2017 में उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर पंजाब विधानसभा चुनाव में काम किया था, जहां अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी। हालांकि उसी साल उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की हार के बाद पार्टी के भीतर प्रशांत किशोर की रणनीतियों को लेकर सवाल उठने लगे थे। कई नेताओं ने उन पर जरूरत से ज्यादा हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।

जन सुराज की शुरुआत की

उत्तर प्रदेश की हार के बाद प्रशांत किशोर ने भी कांग्रेस की संगठनात्मक संस्कृति और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर खुलकर सवाल उठाए थे। इसके बावजूद 2021 में कांग्रेस नेतृत्व के साथ उनकी बातचीत फिर से शुरू हुई थी और माना जा रहा था कि वे पार्टी में औपचारिक भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन यह बातचीत किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी। बाद में अप्रैल 2022 में प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया कि कांग्रेस व्यापक और गहरे सुधारों के लिए तैयार नहीं है, जिसके बाद उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली और जन सुराज की शुरुआत की।

बड़े राज्यों में चुनाव 

अब एक बार फिर प्रियंका गांधी और प्रशांत किशोर की कथित मुलाकात को इसी पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि लगातार चुनावी हार ने विपक्षी दलों को अपनी रणनीति पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। आने वाले वर्षों में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में चुनाव होने हैं, जबकि 2029 का लोकसभा चुनाव विपक्ष के लिए सबसे बड़ा लक्ष्य माना जा रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच फिर से संवाद शुरू हुआ है तो यह आने वाले समय में राष्ट्रीय राजनीति की दिशा और दशा को प्रभावित कर सकता है। फिलहाल यह मुलाकात रहस्य बनी हुई है, लेकिन इसके राजनीतिक संकेतों को नजरअंदाज करना मुश्किल है।