Prashnat Kishor: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर का दिलीप जायसवाल पर बड़ा हमला! लगाया मर्डर का आरोप, मच सकता है भारी बवाल
Prashnat Kishor: बिहार में जमीन विवाद को लेकर राजेश साह की हत्या का मामला गरमाया। प्रशांत किशोर ने बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए। जानिए पूरी घटना।

Prashnat Kishor:बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर हत्या का गंभीर आरोप लगाया है।
प्रशांत किशोर ने साफ शब्दों में कहा कि गया जिले में जमीन कब्जा करने के चक्कर में राजेश साह नामक युवक की हत्या कर दी गई। यह मामला वर्ष 2007 का है, लेकिन आज भी पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है।
कैसे हुई हत्या: घटनाक्रम का विस्तृत विवरण
राजेश साह के घर के पास सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से जुड़ी सड़क के किनारे जमीन को लेकर विवाद शुरू हुआ। दिलीप जायसवाल पर आरोप है कि वे वहां करीब 10 एकड़ जमीन कब्जाना चाहते थे।राजेश साह और उनके परिवार ने इसका विरोध किया। इसी विरोध के चलते 2007 में दुर्गा पूजा के दौरान राजेश साह को मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले जाया गया और भीड़ के हवाले कर दिया गया।घायल अवस्था में राजेश साह को दिलीप जायसवाल के नियंत्रण वाले माता गुजरी देवी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। दो दिन तक परिजनों को मिलने नहीं दिया गया।पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, घटना की जानकारी भी दिलीप जायसवाल ने ही पुलिस को दी थी।
पुलिस की भूमिका और जांच में देरी
मामला दर्ज कराने में पीड़ित परिवार को एक साल तक भटकना पड़ा। FIR तक दर्ज नहीं हुआ।सीएम नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद सीआईडी जांच के आदेश दिए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।पीड़ित परिवार आरोप लगाता है कि तत्कालीन एसपी एमआर नाईक ने मामले को दबा दिया और उनकी पत्नी का डॉक्टर बन जाना भी सवालों के घेरे में है।
पीड़ित परिवार की लड़ाई: वर्षों से न्याय की तलाश
राजेश साह की मां अमला देवी और बहन गीता कुमारी आज भी इंसाफ के लिए लड़ रही हैं।अमला देवी ने कहा कि मेरे बेटे को बेवजह मारा गया और अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिया गया।गीता कुमारी ने बताया कि अस्पताल में उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। रो-रोकर उन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर की।
प्रशांत किशोर का खुला आरोप और धमकियों की बात
प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि जैसे ही यह मामला जन सुराज के संपर्क में आया, परिवार को धमकियां मिलनी शुरू हो गईं।उन्होंने कहा कि दिलीप जायसवाल के गुर्गों ने 50 से ज्यादा कॉल किए। अगर जरूरत पड़ी तो नंबर भी सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।
पुलिस और प्रशासन का रुख
पुलिस फिलहाल इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। सीआईडी जांच का आदेश हाई कोर्ट द्वारा दिया गया है, लेकिन प्रक्रिया ठंडी पड़ी है।प्रशांत किशोर के इन आरोपों के बाद मामले में नया मोड़ आया है और अब निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं कि क्या वास्तव में कोई कार्रवाई होती है या नहीं।