Bihar Teacher News : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी की हुई बैठक, शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यव्यापी संघर्ष का किया गया ऐलान
Bihar Teacher News : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गयी. इस मौके पर शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया गया......पढ़िए आगे

PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने अपने एक लिखित बयान में कहा है कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी ने सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने का फैसला किया है। लगातार तीन-चार महीनों से शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। अठारह-उन्नीस वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति एवं वेतन विसंगति पर सरकार संवेदनशून्य है।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर नियुक्त विद्यालय अध्यापक एवं विशिष्ट शिक्षकों की सेवा निरंतरता, वेतनवृद्धि एवं वेतन विसंगति से हो रहे आर्थिक घाटे के कारण पूरे राज्य के लाखों शिक्षकों में आक्रोश बढ़ रहा है। अगर सरकार शिक्षकों के साथ शत्रुतापूर्ण रवैया एवं उन्हें अपमानित तथा प्रताड़ित करने से बाज नहीं आएगी तो विवश होकर राज्यव्यापी संघर्ष किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि पुरूष एवं महिला शिक्षकों का स्थानान्तरण की समस्या से पूरे राज्य के विद्यालयों में अफरा-तफरी और पूर्णतः तनाव का माहौल है। इसलिए विभाग को अतिशीघ्र पुरूष एवं महिला शिक्षकाें का ऐच्छिक स्थानांतरण करना चाहिए। चयनित प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति नहीं होने से विद्यालयों की प्रशासनिक एवं शैक्षिक कुप्रभाव पड़ रहा है।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंग ने बताया कि विभागीय तकनीकी बाधाओं के कारण शिक्षकों के द्वारा ऑनलाईन ससमय उपस्थिति दर्ज नहीं करने पर विभागीय पदाधिकारी को दंडित करना चाहिए न कि शिक्षकों को। इसके साथ ही दैनिक शिक्षकोपस्थिति पंजी पर भी उपस्थिति दर्ज करने की पूर्व की भांति मान्यता देने की अनिवार्यता लागू होनी चाहिए। विद्यालयों में निर्धारित समय पर उपस्थिति की जल्दीबाजी की वजह से लगातार दर्जनों शिक्षक, शिक्षिकाओं ने सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवां दी है। प्रातःकालीन विद्यालयों में 6-30 सुबह में निर्धारित समय से एक मिनट से 10 मिनट तक विलम्ब से भी उपस्थिति दर्ज करने पर वेतन कटौती जैसा आर्थिक आदेश सर्वथा अमानवीय है। पूर्व की परंपरा के अनुसार एक घंटा तक भी किसी कारणवश उपस्थिति दर्ज करने पर किसी प्रकार की दण्डात्मक कारवाई नहीं होती थी और दो घंटे की अनुपस्थिति पर एक दिन का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत होता था। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने यह फैसला लिया है कि यदि सरकार अतिशीघ्र बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल के साथ इन सभी लंबित समस्याओं पर वार्ता नहीं करेगी, तब राज्यव्यापी संघर्ष के लिए संघ को विवश होना पडे़गा जिसकी सारी जबावदेही सरकार की होगी।