शिक्षक क्लास में क्या पढ़ा रहे हैं, इसकी होगी सीधी निगरानी, हर दिन देनी होगी ऑनलाइन रिपोर्ट, निर्देश जारी

अब शिक्षकों को कक्षा में क्या पढ़ाया जा रहा है, इसकी पूरी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। राज्यपाल सचिवालय की ओर से सभी कुलपतियों को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है।

शिक्षक क्लास में क्या पढ़ा रहे हैं, इसकी होगी सीधी निगरानी,

Patna - बिहार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अब पठन-पाठन की व्यवस्था और भी सख्त होने जा रही है। शिक्षक क्लास में क्या पढ़ा रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी अब विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करनी होगी। इस नई व्यवस्था की सीधी निगरानी राज्यपाल सचिवालय (राजभवन) द्वारा की जाएगी। राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने सभी कुलपतियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 15 दिनों के भीतर वेबसाइट को अपडेट कर यह व्यवस्था लागू की जाए और इसकी अनुपालन रिपोर्ट 'लोक भवन' को भेजी जाए। 

पोर्टल पर दर्ज होगा प्राध्यापकों का विवरण

निर्देश के अनुसार, अब विश्वविद्यालयों को संकायवार (Faculty-wise) प्रतिदिन संचालित होने वाली कक्षाओं की जानकारी पोर्टल पर साझा करनी होगी। इसमें स्पष्ट रूप से दर्ज करना होगा कि किस दिन, किस विषय की कक्षा हुई और संबंधित प्राध्यापक का नाम क्या है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कक्षाएं केवल कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। इससे शिक्षण कार्य की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना आसान हो जाएगा। 

परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर होगा सार्वजनिक

छात्रों की सुविधा के लिए अब वेबसाइट पर स्नातक, पीजी और अन्य सभी पाठ्यक्रमों की आगामी परीक्षाओं की पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी। शैक्षणिक कैलेंडर में परीक्षा प्रारंभ होने, समाप्त होने और परिणाम जारी होने की संभावित तिथियां शामिल होंगी। इससे छात्र-छात्राएं यह आसानी से जान सकेंगे कि उनका शैक्षणिक सत्र समय पर चल रहा है या नहीं। यह कदम विश्वविद्यालयों द्वारा केवल कैलेंडर बनाने और उसे लागू न करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। 

छात्रों की घटती उपस्थिति पर लगेगी लगाम

वर्तमान में कई कॉलेजों में नामांकन के शुरुआती दिनों के बाद छात्रों की उपस्थिति तेजी से गिरती है, जिससे शिक्षक भी कक्षा संचालन में रुचि कम दिखाते हैं। सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद आंतरिक मूल्यांकन और परीक्षाओं की व्यस्तता के कारण शिक्षण के लिए समय सीमित हो जाता है। राजभवन की इस डिजिटल निगरानी व्यवस्था से अब शिक्षकों और छात्रों, दोनों की नियमित भागीदारी सुनिश्चित होगी। यह व्यवस्था काफी हद तक कोरोना काल की डिजिटल शिक्षा प्रणाली की याद दिलाती है, जहाँ वेबसाइट के माध्यम से ही पढ़ाई की निगरानी की जाती थी।