Bihar voter adhikar yatra: प्रियंका गांधी की बिहार यात्रा! कांग्रेस की 2025 चुनावी रणनीति का मास्टर स्ट्रोक,जानें क्या है महागठबंधन की उम्मीदें?
Bihar voter adhikar yatra: प्रियंका गांधी की वोटर अधिकार यात्रा बिहार की राजनीति में कांग्रेस के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकती है। जानें महागठबंधन की रणनीति, महिला वोट बैंक पर फोकस और 2025 चुनाव पर संभावित असर।

Bihar voter adhikar yatra: महागठबंधन के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रियंका गांधी की छवि और उनकी जनता से जुड़ने की शैली बिहार में नई ऊर्जा ला सकती है। सुपौल की यात्रा और पुनौरा धाम में पूजा-अर्चना ने यह संदेश देने की कोशिश की कि कांग्रेस आधी आबादी यानी महिलाओं के साथ खड़ी है। प्रियंका गांधी की करिश्माई अपील को अक्सर इंदिरा गांधी की झलक से जोड़ा जाता है, जो कार्यकर्ताओं के उत्साह को और भी बढ़ाती है।इस कदम से महागठबंधन को उम्मीद है कि महिलाओं का एक बड़ा वोट बैंक कांग्रेस की तरफ आकर्षित होगा। खासकर जब प्रियंका गांधी की भाषा और व्यवहार जनता से सीधा जुड़ाव स्थापित करते हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बढ़ता आत्मविश्वास
कांग्रेस की राजनीति लंबे समय से दब्बूपन के लिए जानी जाती रही है, लेकिन राहुल गांधी के आक्रामक तेवर और अब प्रियंका गांधी की सक्रियता ने कार्यकर्ताओं को नई पहचान दी है।राहुल गांधी का यह कहना कि "अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका निर्णय जनता करेगी", कांग्रेस की पिछलग्गू छवि को तोड़ने वाला संदेश था। वहीं "वोट चोर" और "वोटर अधिकार यात्रा" जैसे नारों ने पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को नई दिशा दी।प्रियंका गांधी की मौजूदगी ने इस विश्वास को और मजबूत कर दिया कि कांग्रेस अब सिर्फ सहयोगी नहीं बल्कि महागठबंधन में बराबरी का दावा रखने वाली पार्टी है।
आधी आबादी और नीतीश कुमार की चुनौती
प्रियंका गांधी का फोकस महिलाओं पर है, लेकिन यह राह आसान नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं:
नगर निकाय चुनाव में 50% आरक्षण
सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण
पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण
साइकिल और पोशाक योजना
मैट्रिक और इंटर पास छात्राओं को प्रोत्साहन राशि
शराबबंदी से महिलाओं को अप्रत्यक्ष राहत
इन पहलों ने महिलाओं को एक मजबूत राजनीतिक और सामाजिक पहचान दी है। ऐसे में प्रियंका गांधी के लिए महिलाओं के बीच जगह बनाना आसान नहीं होगा।
महागठबंधन और जंगलराज की छाया
प्रियंका गांधी की यह यात्रा महागठबंधन को मजबूती तो देगी, लेकिन साथ ही "जंगलराज" की याद भी ताजा कर सकती है। अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती, तो जनता उसे बदलाव की उम्मीद के रूप में देख सकती थी। लेकिन आरजेडी के साथ गठबंधन में अपहरण, फिरौती और नरसंहार जैसे अतीत के मुद्दे सामने आते रहेंगे।इसलिए 2025 के विधानसभा चुनाव में मतदाता यह तय करेंगे कि प्रियंका गांधी का करिश्मा इन चुनौतियों पर भारी पड़ेगा या नहीं।