Bihar Politics: राजद के पारंपरिक वोट बैंक पर बीजेपी की नजर, भाजपा ने बनाया मास्टर प्लान, अब क्या करेंगे लालू-तेजस्वी

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज है। सभी पार्टी अपने अपने स्तर से तैयारी में जुट गई है। इसी कड़ी में भाजपा ने राजद के पारंपरिक वोट बैंक को साधने के लिए बड़ी तैयारी की है...

बीजेपी राजद
भाजपा का प्लान - फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रदेश की सियासत में एक नई चाल की सुगबुगाहट है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब अपने परंपरागत हिंदू वोट बैंक से इतर पसमांदा मुसलमानों को साधने की रणनीति पर काम कर रही है। राज्य की 17.70% मुस्लिम आबादी में करीब 75% पसमांदा मुसलमान हैं जो सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़े माने जाते हैं। बीजेपी की यह पहल महागठबंधन, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पारंपरिक वोट बैंक को चुनौती देने वाली मानी जा रही है।

बीजेपी की ‘पसमांदा’ रणनीति

बिहार बीजेपी जल्द ही पसमांदा सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। पार्टी का दावा है कि वह इस वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए कटिबद्ध है। बीजेपी मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा कि, पसमांदा समाज को अब तक सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस और आरजेडी ने इनके विकास के लिए कुछ नहीं किया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि तुष्टिकरण नहीं सामाजिक न्याय के आधार पर पसमांदा समाज को सशक्त किया जाए। दानिश इकबाल ने यह भी जोड़ा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और आरक्षण लागू होने का लाभ भी इस वर्ग को मिला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पसमांदा समाज के लिए कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से बदलाव ला रही है।

 'बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क'

बीजेपी के इस प्रयास पर आरजेडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने इसे चुनावी स्टंट बताया और कहा कि, बीजेपी मुस्लिम विरोधी पार्टी है। वह सिर्फ चुनाव के समय पसमांदा की बात करती है, लेकिन टिकट और प्रतिनिधित्व में मुस्लिमों की भागीदारी शून्य के बराबर है। एजाज अहमद ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि देश में बीजेपी के करीब 1400-1500 जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन इनमें से केवल एक राज्यसभा सांसद और एक यूपी विधान परिषद सदस्य ही मुस्लिम हैं। 240 से अधिक लोकसभा सांसदों वाली बीजेपी ने अब तक एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। ऐसे में पसमांदा समाज बीजेपी के झांसे में नहीं आएगा।

क्या RJD के वोट बैंक में सेंधमारी करेगी बीजेपी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीति महागठबंधन विशेषकर आरजेडी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि पसमांदा समुदाय पारंपरिक रूप से RJD का समर्थन करता रहा है। हालांकि यह तय करना अभी जल्दबाज़ी होगी कि बीजेपी की यह कोशिश कितना असर डालेगी। बीजेपी की मंशा साफ है पसमांदा मुसलमानों को सामाजिक न्याय के दायरे में लाकर विपक्ष के मजबूत वोट बैंक में सेंध लगाना। लेकिन यह कब तक और कितना प्रभावी होगा, इसका फैसला आगामी चुनावी नतीजे ही करेंगे।