Bihar BJP MLA Dog: बहुत लेडीज आत्मसंतुष्टि के लिए कुत्ता के साथ सोती हैं… BJP विधायक की टिप्पणी से भड़की सियासी आग, राजद ने कसा तंज

Bihar BJP MLA Dog: कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी द्वारा संसद में कुत्ता ले जाने पर शुरू हुआ विवाद अब बिहार की राजनीति में नया तूफ़ान खड़ा कर चुका है।

विधायक  प्रमोद कुमार
“बहुत लेडीज आत्मसंतुष्टि के लिए कुत्ता के साथ सोती हैं… BJP विधायक की टिप्पणी - फोटो : social Media

Bihar BJP MLA Dog: कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी द्वारा संसद में कुत्ता ले जाने पर शुरू हुआ विवाद अब बिहार की राजनीति में नया तूफ़ान खड़ा कर चुका है। इस पूरे हंगामे के बीच मोतिहारी से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक, छह बार के निर्वाचित नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर धधक उठा है, जिसमें वे महिलाओं को लेकर ऐसी टिप्पणी करते दिख रहे हैं जिसने राजनीतिक गलियारों में हैरानी, नाराज़गी और सियासी सरगर्मी तीनों को एक साथ भड़काया है।

वायरल वीडियो में प्रमोद कुमार कहते सुने गए कि “बहुत लेडीज आत्मसंतुष्टि के लिए कुत्ता के साथ सोती हैं… कुत्ता ही उनका केंद्र है, तो वो उसको साथ ले गई।”यह बयान न सिर्फ अभद्र भाषा का नमूना माना गया, बल्कि एक सार्वजनिक प्रतिनिधि द्वारा महिलाओं के चरित्र पर गंभीर कटाक्ष भी समझा गया। वीडियो की पुष्टि न्यूज4नेशन नहीं करता है।

आरजेडी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका भारती ने इस वीडियो को साझा करते हुए भाजपा पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तभी संतुष्ट होते हैं जब उनके नेता महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करते हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता नारी सम्मान की दुहाई देते हैं, पर उनके विधायक जुबानी हमला कर महिलाओं की गरिमा को तार-तार कर देते हैं।

इस पूरे विवाद ने बिहार विधानसभा परिसर के बाहर माहौल को गर्मा दिया। मामला तूल पकड़ते देख विधायक प्रमोद कुमार को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उनका तर्क था कि उन्होंने महिलाओं को निशाना नहीं बनाया, बल्कि “पाश्चात्य संस्कृति के अत्यधिक प्रभाव” का उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा कि मेरे दिल-दिमाग में किसी के अपमान का इरादा नहीं था। संसद लोकतंत्र का मंदिर है। वहां कुत्ता ले जाना अमर्यादित है।

लेकिन सियासत की दुनिया में इरादा कम, असर ज़्यादा देखा जाता है और उनके बयान का असर ऐसा हुआ कि सत्तारूढ़ दल की छवि पर एक और धब्बा जुड़ गया।अब बिहार की राजनीति में बड़ा सवाल यह है कि क्या विधायक की यह ज़बानी फिसलन महज़ एक भूल थी, या सियासी अहंकार का वह चेहरा, जो अक्सर महिलाओं के प्रति घटिया उपमाओं में बदल जाता है?