Bihar News : सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से का फिर शुरू हुआ निर्माण कार्य, 18 महीने में बनकर होगा तैयार
Bihar News : गंगा नदी में समा चुके सुल्तानगंज अगुवानी पुल का निर्माण कार्य एक फिर शुर किया गया है. इसे 18 महीने में बनाकर तैयर किया जायेगा.......पढ़िए आगे

PATNA : सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल के क्षतिग्रस्त अंश के पुनर्निर्माण हेतु उच्च न्यायालय, पटना द्वारा दिनांक 14.09.2023 को पारित आदेश के आलोक में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा पुल के क्षतिग्रस्त अंश (पियर-9 से पियर-13)पर 6 जून से निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस संबंध में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि परियोजना के प्रथम चरण में पहुँच पथ का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, ताकि यातायात संचालन को शीघ्र सुगम बनाया जा सके। पुनर्निर्माण से संबंधित Composite Beam (Girders) का निर्माण अनुमोदित कार्यशाला में आरेखन के अनुसार प्रारंभ करने हेतु कारवाई की जा रही है। वहीं, परिवर्तित सुपर-स्ट्रक्चर के अनुरूप IIT Roorkee द्वारा प्राप्त तकनीकी परामर्श के अनुसार नींव (Well Foundation) में आवश्यक सुधार का कार्य भी कराया जा रहा है।
साथ ही विभागीय अपर मुख्य सचिव द्वारा बताया गया कि "सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल के क्षतिग्रस्त अंश सहित पहुँच पथ एवं शेष बचे कार्यों को आगामी 18 माह के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस संबंध में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि कार्य की गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित की जाए। निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु पुल निर्माण निगम के अंतर्गत एक सुदृढ़ परियोजना क्रियान्वयन इकाई (PIU) गठित की गई है, जिसमें अनुभवी Structural Engineers की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अतिरिक्त, IIT या अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों के समूह की एक स्वतंत्र तकनीकी टीम भी समय-समय पर स्थल निरीक्षण कर आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान कर रही है।
विभागीय आदेशानुसार, योजना की मासिक समीक्षा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष द्वारा सुनिश्चित की जाएगी तथा निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा पाक्षिक आधार पर स्थल निरीक्षण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अभियंता प्रमुख (कार्य प्रबंधन), पथ निर्माण विभाग द्वारा भी मासिक निरीक्षण एवं विभागीय स्तर पर मासिक समीक्षा की जाएगी, ताकि योजना का सतत अनुश्रवण सुनिश्चित हो सके।