रात भर जगकर डीजीपी ने संभाली कमान जमीन से लेकर आसमान और साइबर स्पेस तक सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम संपन्न हुआ शांतिपूर्ण मतगणना और मतदान

डीजीपी विनय कुमार ने मतगणना से पूर्व स्वयं रात भर जागकर कमान संभाली और यह सुनिश्चित किया कि सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त हो कि आम नागरिक भी इसे महसूस कर सकें।

रात भर जगकर डीजीपी ने संभाली कमान जमीन से लेकर आसमान और साइब

बिहार विधानसभा चुनाव खातिर मतदान से मतगणना के दौरान राज्य में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. मतगणना के पूर्व नेताओं के बयान जैसे आरजेडी एलएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर विवादित और भड़काऊ बयान दिया. चुनाव के नतीजों से ठीक पहले आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह के भड़काऊ बयान से राज्य का सियासी पारा हाई हो गया. उन्होंने कहा था कि अगर मतगणना में गड़बड़ी हुई तो बिहार को बांग्लादेश और नेपाल बना देंगे. राज्य पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है.राज्य के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) के आदेश परपटना के साइबर थाने में सुनील सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की गई. 

राज्य के डीजीपी विनय कुमार ने मतगणना से पूर्व स्वयं रात भर जागकर कमान संभाली और यह सुनिश्चित किया कि सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त हो कि आम नागरिक भी इसे महसूस कर सकें। डीजीपी ने बताया कि सुरक्षा का दायरा अब केवल भौतिक सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे जमीन से लेकर आसमान और साइबर स्पेस तक बढ़ाया गया।सूबे के हर मतगणना केंद्र और क्षेत्र में न केवल सेंट्रल फोर्सेस और पुलिस बल की मौजूदगी सुनिश्चित की गई, जिससे सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद नज़र आए

साथ ही डीजीपी विनय कुमार ने सुरक्षा के डिजिटल पहलू पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि उनकी डिजिटल साइबर सेल और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल 24 घंटे सक्रिय रही। इन सेल का मुख्य काम सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अफवाह या ट्रोलिंग फैलाने की कोशिश पर तुरंत कार्रवाई करना है। डीजीपी के अनुसार, साइबर पेट्रोलिंग की गई ताकि कोई भी व्यक्ति या संगठन चुनाव के दौरान गलत सूचना फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश न करे। 


भौतिक सुरक्षा के लिए भी राज्य भर में विशेष सतर्कता बरती गई. डीजीपी ने जानकारी दी कि पूरे बिहार को पहले से ही अलर्ट पर रखा गया था, और निगरानी और बढ़ा दी गई. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया. डॉग स्क्वॉड और मेटल डिटेक्टर की मदद से हर संदिग्ध वस्तु और व्यक्ति की जाँच प्रक्रिया अपनाइ गई. 

डीजीपी ने खुद पटना मेट्रो स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण स्थानों का न केवल दौरा किया बल्कि शहर के विभिन्न स्थलों का रात के अँधेरे में दौरािकर  यह भी सुनिश्चित किया कि जनता को कोई परेशानी न हो, जिसके लिए नागरिकों से लगातार संवाद भी बनाए रखा गया. यह दिखाता है कि प्रशासन चुनाव प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखने के लिए डिजिटल चुनौतियों से भी निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रही.