कंफर्म टिकट नहीं मिला? कोई चिंता नहीं, छठ पर बिहार के लिए 150 स्पेशल ट्रेनें तैयार, चुनावी मौसम में बिहार को मिली अभूतपूर्व यातायात सुविधा

Bihar Trains:रेल मंत्रालय द्वारा बिहार की जनता हेतु अनेक नवीन रेलसेवाओं की घोषणा की गई है...

कंफर्म टिकट नहीं मिला? कोई चिंता नहीं, छठ पर बिहार के लिए 15
बिहार को मिली अभूतपूर्व यातायात सुविधा- फोटो : social Media

Bihar Trains: बिहार की भौगोलिक एवं सामाजिक संरचना सदैव से ही परिवहन की चुनौती से जूझती रही है। विशेष अवसरों—छठ, दीपावली अथवा होली—पर राज्य से बाहर कार्यरत प्रवासी जब स्वदेश लौटने का संकल्प करते हैं, तब कंफर्म टिकट पाना किसी मृगतृष्णा से कम प्रतीत नहीं होता। प्रतीक्षायादी (वेटिंग लिस्ट) में नाम दर्ज हो जाने मात्र से ही यात्रियों के मन में अनिश्चितता का भाव व्याप्त हो जाता है। नए नियमों के पश्चात यह समस्या और भी विकराल रूप में परिलक्षित हुई है। ऐसे परिवेश में रेल मंत्रालय द्वारा बिहार की जनता हेतु अनेक नवीन रेलसेवाओं की घोषणा की गई है, जिसे एक ओर तो जनसामान्य के लिए राहतकारी कदम कहा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके राजनीतिक निहितार्थ भी स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहे हैं।

29 सितम्बर को केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव तथा बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पटना जंक्शन से एक साथ सात गाड़ियों का शुभारंभ किया। इन सात में तीन अमृत भारत एक्सप्रेस सम्मिलित हैं, जिन्हें मध्यमवर्गीय यात्रियों की जीवनरेखा कहा जा सकता है। इसके अतिरिक्त नमो भारत तथा दर्जनों वंदे भारत रेलगाड़ियाँ भी बिहार की भूमि पर अपना संचालन प्रारंभ कर चुकी हैं।

विशेष उल्लेखनीय तथ्य यह है कि छठ एवं दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष 12,000 अतिरिक्त रेलसेवाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रश्न यह भी उठता है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व यह रेल-सौगात महज़ राजनीतिक रणनीति का अंग है अथवा वास्तविक सुविधा।

 अमृत भारत एक्सप्रेस का बिहार-प्रेम

भारतवर्ष में अमृत भारत एक्सप्रेस की कुल 12 सेवाएँ संचालित थीं, किंतु तीन नई सेवाओं के साथ अब यह संख्या 15 हो गई है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि इनमें से 13 गाड़ियाँ बिहार से ही सम्बद्ध हैं। स्पष्ट है कि इस योजना का सर्वाधिक लाभ बिहार की जनता को ही प्राप्त हुआ है।

तीन नयी सेवाएँ निम्नवत हैं—

मुजफ्फरपुर–चर्लपल्ली अमृत भारत (साप्ताहिक) – यह गाड़ी हाजीपुर, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, प्रयागराज, जबलपुर, नागपुर होते हुए दक्षिण भारत के समीप हैदराबाद क्षेत्र तक जाएगी।

दरभंगा–मदार (अजमेर) अमृत भारत (साप्ताहिक) – सीतामढ़ी, रक्सौल, नरकटियागंज, गोरखपुर, जयपुर होकर यह गाड़ी राजस्थान के तीर्थनगरी तक पहुँचेगी।

छपरा–आनन्द विहार टर्मिनल (सप्ताह में दो दिन) – सिवान, गोरखपुर, लखनऊ होकर यह गाड़ी दिल्ली की ओर बिहार का सशक्त संपर्क सिद्ध होगी।

सिर्फ एक्सप्रेस गाड़ियों तक ही नहीं, बल्कि पैसेंजर रेलों को भी पुनः संरचित किया गया है। पटना–इसलामपुर पैसेंजर तथा नवादा–पटना पैसेंजर अब जट डुमरी–फाजिलचक–तोपसरथुआ–दनियावां मार्ग से संचालित होंगी। इससे ग्रामीण अंचलों में भी यातायात की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

साथ ही पटना–बक्सर, झाझा–दानापुर जैसी पैसेंजर गाड़ियाँ सप्ताह में छह दिन चलेंगी, जो दैनिक यात्रियों के लिए वरदान सिद्ध होंगी।

बिहारवासी पहले से ही इन 12 अमृत भारत गाड़ियों का लाभ ले रहे थे—

दरभंगा–आनन्द विहार टर्मिनल

सहरसा–लोकमान्य तिलक टर्मिनस

राजेन्द्रनगर–नई दिल्ली

बापूधाम मोतिहारी–आनन्द विहार

दरभंगा–गोमतीनगर

मालदा टाउन–गोमतीनगर

सीतामढ़ी–दिल्ली

गया–दिल्ली

जोगबनी–ईरोड

सहरसा–अमृतसर

मालदा टाउन–बेंगलुरु

ब्रह्मपुर–सूरत

यद्यपि रेल मंत्रालय इसे जनकल्याणकारी योजना के रूप में प्रस्तुत कर रहा है, किंतु यह तथ्य अनदेखा नहीं किया जा सकता कि बिहार में विधानसभा चुनाव समीप हैं। प्रवासी बिहारी मतदाता राज्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में नयी रेलगाड़ियों की सौगात निश्चित ही राजनीतिक निष्ठा अर्जित करने का साधन भी बन सकती है।

बिहार की धरती आज जिस प्रकार रेल-परिचालन की दृष्टि से समृद्ध हो रही है, वह निश्चित रूप से जनसामान्य के लिए राहतकारी है। यातायात की सहजता से न केवल यात्रियों की आर्थिक व समयबद्धता संबंधी समस्याएँ हल होंगी, बल्कि राज्य की सामाजिक आर्थिक गति भी तीव्र होगी। हाँ, इसके चुनावी निहितार्थ से इंकार नहीं किया जा सकता।