Bihar News: दीघा-शेरपुर-कोईलवर मरीन ड्राइव पर हुआ बड़ा फैसला, बिहार में पहली बार ऐसे होगा सड़क निर्माण

Bihar News: दीघा-शेरपुर-कोईलवर मरीन ड्राइव बिहार की पहली हाइब्रिड एनयूटी मॉडल की सड़क होगी। 4 साल में इसका निर्माण होगा। सड़क का निर्माण विश्वा समुद्रा करेगी।

Digha Sherpur Koilwar Ganga Path
Digha Sherpur Koilwar Ganga Path- फोटो : social media

Bihar News:  बिहार में पहली बार हाइब्रिड एनयूटी मॉडल (HAM) पर बनने वाले दीघा-शेरपुर-कोईलवर गंगा पथ (मरीन ड्राइव एक्सटेंशन) के निर्माण का ठेका विश्वा समुद्रा एजेंसी को मिला है। एजेंसी ने 6498 करोड़ रुपये में काम करने की सहमति दी है। वहीं अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने भी टेंडर में भाग लिया था, लेकिन उसकी निर्माण राशि 6858 करोड़ रुपये थी, जो अधिक होने के कारण चयनित नहीं हो पाई। इस परियोजना के लिए कुल 7 एजेंसियों ने टेंडर दाखिल किया था, जिनमें से पांच को अयोग्य घोषित किया गया।

35.21 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर

परियोजना के तहत 35.21 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण होगा। जिसमें 18 किलोमीटर गंगा नदी के ऊपर एलिवेटेड और 17.65 किलोमीटर एट-ग्रेड (जमीन पर) बनेगा। इसे चार साल में पूरा किया जाएगा। निर्माण के बाद अगले 15 साल तक इसकी देखरेख भी यही एजेंसी करेगी। यह कॉरिडोर वर्तमान दीदारगंज-दीघा गंगा पथ का विस्तार होगा। पूर्वी छोर पर यह जेपी गंगा सेतु के पास दीघा में जुड़ेगा, जबकि पश्चिमी छोर पर कोईलवर के पास सोन नदी पर बने पुल से संपर्क बनाएगा।

आगे की योजनाएं

सड़क निर्माण विभाग ने दीदारगंज-फतुहा-बख्तियारपुर-अथमलगोला मार्ग के 41.27 किलोमीटर हिस्से को फोरलेन बनाने की योजना भी तैयार की है। मुख्यमंत्री पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि जेपी गंगा पथ को पूर्व में मोकामा और पश्चिम में बक्सर तक विस्तारित किया जाएगा।

घटेगी दूरी, बढ़ेगी कनेक्टिविटी

गंगा पथ के विस्तार से उत्तर और दक्षिण बिहार की दूरी काफी कम होगी। दीघा सेतु, शेरपुर-दिघवारा सेतु, कोईलवर सेतु, वीर कुंवर सिंह आरा-छपरा सेतु, जनेश्वर मिश्र सेतु और बक्सर सेतु आपस में जुड़ जाएंगे। पटना से बक्सर तक सफर 100-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तय किया जा सकेगा। इस मार्ग से बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर तक पहुंच आसान होगी। साथ ही बक्सर से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होते हुए दिल्ली तक तेज कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। दीघा-शेरपुर-कोईलवर गंगा पथ से दानापुर और शाहपुर बाजार भी सीधे जुड़ेगा।

हाइब्रिड एनयूटी मॉडल से बनेगा प्रोजेक्ट

इस परियोजना को हाइब्रिड एनयूटी मॉडल पर बनाया जा रहा है। चार साल की निर्माण अवधि में राज्य सरकार लागत का केवल 40% भुगतान करेगी, जबकि एजेंसी 60% राशि खुद लगाएगी। सड़क चालू होने के बाद अगले 15 वर्षों में सरकार ब्याज सहित शेष राशि एजेंसी को लौटाएगी। इस अवधि में टोल वसूली का अधिकार भी एजेंसी को होगा। सरकार का मानना है कि इस मॉडल से बजट पर बोझ कम पड़ेगा और बची हुई राशि अन्य परियोजनाओं पर खर्च की जा सकेगी।