Dog Residence Certificate: बिहार में 'डॉग बाबू' को मिला निवास प्रमाण-पत्र, सिस्टम पर सवाल, सियासत में भूचाल
Dog Residence Certificate:जब "कुत्ता बाबू" के नाम से सर्टिफिकेट मिल सकता है, तो सोचिए... इंसाफ किस हद तक बैठा है

Dog Residence Certificate:बिहार की राजधानी पटना से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक सिस्टम की साख पर सवालिया निशान लगा दिया है। मसौढ़ी अंचल कार्यालय से 24 जुलाई 2025 को एक निवास प्रमाण-पत्र जारी किया गया, जिसमें नाम था -डॉग बाबू", पिता का नाम "कुत्ता बाबू", माता का नाम "कुतिया बाबू", और पता दर्ज था — काउलीचक, वार्ड नंबर 15, नगर परिषद मसौढ़ी।
हैरानी की बात यह कि इस ‘नकली प्रमाण-पत्र’ पर राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान का डिजिटल हस्ताक्षर भी मौजूद है। प्रमाण-पत्र संख्या BRCCO/2025/15933581 जैसे ही RTPS पोर्टल पर सत्यापित की गई, तो खुलासा हुआ कि यह संख्या दिल्ली की एक महिला के वास्तविक दस्तावेजों से जुड़ी है, जिनमें आधार कार्ड और पति से संबंधित असली कागजात अपलोड थे।
यानि यह पूरा मामला सरकारी पोर्टल के दुरुपयोग और डाटा में छेड़छाड़ का सीधा प्रमाण है। जैसे ही मामला सामने आया, 'स्वराज इंडिया' के नेता योगेंद्र यादव ने इसे X (पूर्व ट्विटर) पर शेयर करते हुए लिखा "अपनी आंखों से देख लीजिए! बिहार में 24 जुलाई को एक कुत्ते ने आवास प्रमाण-पत्र बनवा लिया... यह वही प्रमाण-पत्र है जिसे बिहार में SIR में मान्य किया जा रहा है, जबकि आधार और राशन कार्ड को फर्जी बताया जा रहा है!"उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए सिस्टम की भ्रष्टता और लापरवाही पर सवाल खड़े किए।
मामले की तथ्यात्मक पुष्टि होते ही, पटना जिलाधिकारी ने X हैंडल से सोमवार सुबह बयान जारी कर कहा कि "मसौढ़ी अंचल में 'डॉग बाबू' के नाम से निर्गत निवास प्रमाण-पत्र को रद्द कर दिया गया है। साथ ही आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाण-पत्र जारी करने वाले पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।"
बहरहाल सवाल उठते हैं कि क्या सरकारी प्रमाण पत्रों की प्रणाली इतनी असुरक्षित है कि कोई भी मनचाहा नाम दर्ज कर सर्टिफिकेट ले सकता है?
क्या ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र आधार और राशन कार्ड जैसे असली दस्तावेजों से ज्यादा मान्य हो चुके हैं?क्या यह मामला आधिकारिक लापरवाही, तकनीकी असुरक्षा और प्रशासनिक भ्रष्टाचार की तिकड़ी नहीं दर्शाता?