Bihar News: 'सूई से नशा' बन रहा है युवाओं के जीवन के लिए खतरा, एचआईवी, हेपाटाइटिस बी और सी के मामलों में वृद्धि, डॉ. दिवाकर तेजस्वी की चेतावनी

Bihar News: डॉ. तेजस्वी ने बताया कि इंजेक्शन द्वारा नशा करने वाले 10 में से लगभग 6 युवा संक्रमित सूई साझा करते हैं। इसी वजह से एचआईवी के नए मामलों में बड़ी संख्या में युवा शामिल हो रहे हैं।

तेजस्वी
'सूई से नशा' बना रहा खतरा - फोटो : social media

Bihar News:  युवाओं के बीच नशे की बदलती प्रवृत्ति गंभीर स्वास्थ्य संकट का कारण बनती जा रही है। पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल अप्रोच फॉर लिविंग (पहल) के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने आज चिंता जताते हुए कहा कि इंजेक्टिंग ड्रग यूज़ (IDU) के माध्यम से नशा करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, जिससे एचआईवी, हेपाटाइटिस बी और सी जैसे घातक संक्रमणों का खतरा भी बढ़ गया है।

10 में से 6 संक्रमित

डॉ. तेजस्वी ने बताया कि इंजेक्शन द्वारा नशा करने वाले 10 में से लगभग 6 युवा संक्रमित सुई साझा करते हैं। इसी वजह से एचआईवी के नए मामलों में बड़ी संख्या में युवा शामिल हो रहे हैं। वहीं हेपाटाइटिस सी का संक्रमण इस समूह में लगभग 40 प्रतिशत तक पाया गया है। उन्होंने इस बढ़ते संकट के पीछे कई प्रमुख कारण बताए  नशे के प्रति जिज्ञासा, गलत जानकारी का प्रचार, समूह में सुई साझा करने की प्रवृत्ति, काउंसलिंग और नशा मुक्ति सेवाओं की सीमित उपलब्धता, सामाजिक कलंक और परीक्षण से परहेज।

इस दवा से मिलेगी राहत

रोकथाम के उपायों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. तेजस्वी ने बताया कि ओपिएट सब्स्टीट्यूशन थैरेपी (OST) जैसे बुप्रेनोर्फीन आधारित दवाओं के उपयोग से इंजेक्टेबल नशे की लत से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही एचआईवी, हेपाटाइटिस बी और सी की नियमित जांच, हेपाटाइटिस-बी का टीकाकरण, युवाओं को स्क्रीनिंग व परामर्श सेवाओं से जोड़ना, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, नशा मुक्ति केंद्रों का विस्तार, और स्कूल-कॉलेज स्तर पर काउंसलिंग सुविधाएं शुरू करना अत्यंत आवश्यक है।

युवाओं के लिए खरतनाक लत

इसके अतिरिक्त, सामुदायिक जागरूकता अभियानों के ज़रिए युवाओं को पीयर सपोर्ट ग्रुप्स, गैर सरकारी संगठनों (NGOs) और हेल्थ वर्कर्स की मदद से जोड़ना और दूरदराज़ के इलाकों में भी इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करना भी बेहद जरूरी है। डॉ. तेजस्वी ने अंत में आम नागरिकों, अभिभावकों, शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे युवाओं को इस खतरनाक लत से बचाएं और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत जांच, परामर्श और इलाज के लिए नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।