E-voting - बैलेट बॉक्स, ईवीएम के बाद ई-वोटिंग से भारतीय लोकतंत्र में की नए युग की शुरूआत, मिलिए देश के पहले ई-वोटर से
E-voting - भारत में आज से वोटिंग में नए युग की शुरूआत हो गई है। बैलेट, ईवीएम से आगे बढ़ते हुए अब घर बैठे मोबाइल से ई-वोटिंग कर सकते हैं।

Patna - बैलेट बॉक्स, ईवीएम के बाद अब देश वोटिंग की नई तकनीक के साथ आगे बढ़ने को तैयार है। जिसकी शुरूआत आज बिहार से शुरू हो गई है। देश में पहली देश में पहली बार ई-वोटिंग प्रक्रिया संपन्न हो गई है। निर्वाचन आयोग ने बिहार के नगर निकाय चुनाव में इसका सफल प्रयोग भी कर लिया है।
खास बात यह है कि बूथ पर हुई वोटिंग से अधिक प्रतिशत ई-वोटिंग रहा है। इस बार छह घंटे के लिए ही ई-वोटिंग की सुविधा दी गई थी। पहली ही बार में 57 प्रतिशत ऑनलाइन मतदान हुआ।जिसके बाद अब माना जा रहा है आनेवाले सालों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी ई-वोटिंग से मतदान कराया जा रहा है।
मोतिहारी की महिला बनी देश की पहली ई-वोटर
देश में पहली बार एक महिला ने मोबाइल एप्प के जरिए वोटिंग की है। मोतिहारी की रहनेवाली विभा देवी पहली महिला ई-वोटर बनी हैं, जबकि मुन्ना कुमार पहले पुरुष ई-वोटर हैं. इन दोनों ने आज मोबाइल से पहली बार मतदान किया है. विभा कुमारी असल में पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल के वार्ड नंबर 8 की रहने वाली हैं. वहीं पकड़ीदयाल के ही वार्ड नंबर-1 के मुन्ना कुमार पहले वैसे पुरुष मतदाता बने हैं, जिन्होंने ई-वोटिंग के जरिए अपना वोट डाला। यहां ई-वोटिंग के माध्यम से कुल 67 फीसदों लोगों ने अपने मातधिकार का प्रयोग किया।
40 हजार से ज्यादा लोगों ने किया प्रयोग
निर्वाचन आयोग ने कहा कि पहली बार प्रयोग हो रहे 'ई-वोटिंग' प्रणाली से 40280 मतदाताओं ने सफलतापूर्वक अपना पंजीकरण कराया है। वह पहली बार ई-वोटिंग 'SECBHR' और ई-वोटिंग SECBIHAR मोबाइल एप के माध्यम से घर बैठे मतदान किया।
क्या है ई-वोटिंग की खासियत और कैसे करता है काम
यह नया ई-वोटिंग सिस्टम ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और फेस रिकग्निशन जैसे अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित है, जो मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाता है। यह सुविधा मुख्य रूप से वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, प्रवासी मतदाता जो मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकते के लिए है। वोटर e-SECBHR मोबाइल एप या राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के माध्यम से मतदान कर सकते हैं।
इसके अलावा एक मोबाइल नंबर से अधिकतम दो पंजीकृत वोटर ही लॉगिन कर सकते हैं। वोट डालने से पहले फेस स्कैनिंग और वोटर आईडी से मिलान किया जाएगा। पूरी वोटिंग प्रक्रिया ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए सुरक्षित और हैक-प्रूफ बनाई गई है।
दो अलग-अलग मोबाइल एप विकसित किए गए
निर्वाचनआयोग ने बताया किनगरपालिका आम निर्वाचन एवं उप निर्वाचन 2025 के लिए दो अलग-अलग मोबाइल एप विकसित किए गए। पहले मेंनगरपालिका आम निर्वाचन 2025 के लिए तीन जिलों के छहनगर पंचायतो में तीनों पदों (मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद एवं वार्ड पार्षद) के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित "eVoting SECBHR" एप निर्धारित है। वहीं दूसरे मेंनगरपालिका उप निर्वाचन 2025 के लिए कुल पांच जिलों के छहनगरपालिकाओं के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित eVoting (SECBIHAR) एप निर्धारित है। आयोग का दावा है कि इनदोनों एपको उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया है ताकि मतदाता आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अपना मतदान कर पाएं।
बता दें कि बिहार में तीन जिलों की 6 नगर पंचायत में मुख्य पार्षद, उप-मुख्य पार्षद और पार्षद के उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई है। जिसमें देश में पहली बार ई-वोटिंग की शुरुआत हुई है. बुजुर्ग, गर्भवती महिला और प्रवासी बिहारी मोबाइल से मतदान कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल हुए. इस सुविधा से वैसे लोग काफी खुश दिखे,