ED Raid: बिहार-झारखंड में ईडी की बड़ी कार्रवाई, इस मामले में 15 ठिकानों पर छापेमारी जारी, मचा हड़कंप

ED Raid: बिहार-झारखंड में सुबह से ईडी की बड़ी कार्रवाई जारी है। ईडी बिहार झारखंड के 15 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पढ़िए आगे....

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ED Raids - फोटो : social media

ED Raid: बिहार झारखंड में मंगलवार की सुबह सुबह ईडी(प्रवर्तन निदेशालय) की बड़ी कार्रवाई की गई है। ईडी बिहार-झारखंड के 15 ठिकानों पर सुबह से छापेमारी कर रही है। बताया जा रहा है कि बोकारो भूमि घोटाले मामले में यह कार्रवाई की जा रही है। जानकारी अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार की सुबह बहुचर्चित बोकारो भूमि घोटाले के सिलसिले में रांची, झारखंड और बिहार में एक साथ 15 ठिकानों पर छापेमारी की। पटना और बांका में भी ईडी की कार्रवाई जारी है। 

सुबह से ईडी की छापेमारी जारी

जानकारी अनुसार, छापेमारी सुबह करीब 7 बजे शुरू हुई और इसमें रांची के लालपुर, चुटिया और कांके रोड इलाके प्रमुख रूप से शामिल हैं। ईडी की यह कार्रवाई बोकारो में 74.38 एकड़ जमीन की अवैध खरीद-बिक्री को लेकर की जा रही है। इस घोटाले से जुड़े उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबंधित पक्षों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

कारोबारी विमल और पुनीत अग्रवाल के ठिकानों पर छापा

रांची में ईडी की टीम ने राजवीर कंस्ट्रक्शन से जुड़े विमल अग्रवाल और पुनीत अग्रवाल के आवासों और कार्यालयों पर छापेमारी की। ये दोनों कारोबारी बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट से भी जुड़े हुए हैं। इससे पहले 26 सितंबर 2023 को इनपर जीएसटी विभाग ने भी कार्रवाई की थी।

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बोकारो के विवादित जमीन से जुड़ा है मामला

दरअसल, ईडी की कार्रवाई के केंद्र में बोकारो की एक विवादित जमीन है। जिसे वन विभाग प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट (संरक्षित वन) मानता है। वहीं, जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले पक्षों का कहना है कि यह जमीन 1933 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान सरकारी नीलामी में उनके पूर्वजों ने खरीदी थी। इस मामले को लेकर राज्य सरकार और वन विभाग द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग दावे किए गए, जिससे भारतीय वन सेवा (IFS) के दो अधिकारियों को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया गया है।

प्राथमिकी से ईसीआईआर तक

ईडी ने बोकारो भूमि घोटाले से जुड़े मामलों की जांच विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की और उसे ईसीआईआर (Enforcement Case Information Report) के रूप में दर्ज कर विधिवत कार्रवाई की शुरुआत की।

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