PATNA - मानवाधिकार जन संरक्षक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार निराला ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पुलिस महानिदेशक बिहार, एवं नवादा एसपी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि कशिचक थाना के दरोगा एवं पुलिस के द्वारा उनसे वाहन चेकिंग के दौरान तीस लाख रुपए रखा बैग जबरदस्ती ले लिया। उन्होंने बताया कि वे दिनांक 25.01.2025 को ग्राम-वीरनामा, काशीचक (नवादा) में धान ब्यापारियों राजेन्द्र प्रसाद एवं अन्य व्यापारी के यहाँ से 300 (तीन सौ टन धान खरीदने के वास्ते 30,00,000/- (तीस लाख) रूपया नगद लेकर गए थे। तथा मूल्य का अंतर होने के कारण धान क्रय नहीं हो सका।
जिसके बाद संध्या 4:00 बजे खखरी पंचायत भवन में मुखिया जी एवं ग्रामीण के साथ एक मानवाधिकार संबंधी जागृति कार्यक्रम से संध्या 7:00 बजे करीब, काशीचक रेलवे गुमती को पार कर घर वापस आने के क्रम में काशीचक थाना द्वारा वाहन चेकिंग के नाम पर मेरी गाड़ी को रोका गया तो मैं एवं मेरा गाड़ी चालक अपना-अपना सीट बेल्ट खोलकर गाड़ी से नीचे उत्तरे और स्वेच्छा से गाड़ी चेकिंग के लिए बोले। इसी क्रम में मेरे गाड़ी के पीछे कपडे के बैग में रखा 30,00,000/- (तीस लाख) रूपया (60 बंडल 500/- रूपये का नोट) को पुलिसकर्मियों द्वारा ले लिया (लूट लिया) गया।
लूट के पैसे होने का लगाया आरोप
मना करने पर मुझे एवं मेरे गाड़ी चालक का एक भी बात नहीं सुना और कहा गया है कि रूपया लूट का है तथा धमकी दिया गया कि चुप-चाप चले जाओ नहीं तो कोई संगीन अपराधिक मुकदमा में जेल भेज देंगे। मुकदमा के भय एवं पुलिस के डर से मुझे बैठाकर मेरा चालक गाड़ी बढ़ाया। उसके बाद भी फाइन करने वाला मशीन लिए पुलिस दौड़ा और कहा कि इस पर फाइन करो तो मेरा चालक डर से गाड़ी बढ़ाते रहा और घर वापस चले आए। मैं घटना से हताहत होने के कारण घर पर सो गए। बाद उन्होंने अपने वकील से बात करने के बाद उक्त आशय का शिकायत सीएम, डीजीपी एवं एसपी के यहाँ लिखकर भेजे हैं।
उन्होंने उक्त गणमान्य से मांग की है कि उपर वर्णित तथ्यों की जांच श्र अपने स्तर से जांच करवाकर उनका रुपया बापस दिलबाकर एवं अभियुक्तों (पुलिसकर्मियों) के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करें।