Bihar News: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रविवार सुबह टेम्पल सिटी, मीरा बिगहा पहुंच कर प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं समाजसेवी और साथी प्रो. डॉ. चंद्रिका प्रसाद यादव को श्रद्धांजलि अर्पित किया। लालू यादव के पहुंचते हीं स्थानीय कांग्रेस एवं राजद कार्यकर्ताओं का भारी जमावड़ा देखने को मिला। लालू यादव के साथ कई अन्य दिग्गज नेता भी इस श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए।
साथी लालू प्रसाद यादव चंद्रिका यादव द्वारा स्थापित टेंपल सिटी भी घूमे। सी वोटर सर्वे को लेकर पूछे गए सवाल पर लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार में तेजस्वी प्रसाद के नेतृत्व में सरकार बनेगी। सीएम नीतीश के बेटे निशांत के राजनीति में आने पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कहा कि हां आ रहे हैं।
प्रो. चंद्रिका प्रसाद यादव और लालू प्रसाद यादव का संबंध केवल राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि यह आपसी आदर और विश्वास पर भी आधारित था। 1990 में जब लालू यादव बिहार की राजनीति के शीर्ष पर पहुंचे, तब प्रो. यादव उन वरिष्ठ नेताओं में से एक थे, जिन्होंने उनकी नेतृत्व क्षमता को पहचाना और उन्हें पूरा सहयोग दिया।प्रो. यादव की प्रशासनिक समझ और शिक्षाविद् के रूप में प्रतिष्ठा ने बिहार की राजनीति को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 90 के दशक में, जब लालू यादव का राजनीतिक दबदबा बढ़ रहा था, तब प्रो. यादव को उनके 'नवरत्नों' में गिना जाता था। वे लालू यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक थे, जिन्होंने न केवल राजनीतिक रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि शिक्षा और सामाजिक नीतियों को भी नई दिशा दी।
प्रो. यादव की प्रसिद्ध "बांसुरी और कलम" की लोकोक्ति लालू यादव की राजनीति से गहराई से जुड़ी हुई थी। उनका मानना था कि बिहार में बदलाव लाने के लिए शिक्षा (कलम) और जनसंपर्क (बांसुरी) का मेल जरूरी है। लालू यादव ने इस विचार को अपनाया और अपने कई भाषणों में इसका जिक्र भी किया।
ऐसा कहा जाता है कि जब लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच राजनीतिक मतभेद बढ़े थे, तब प्रो. चंद्रिका यादव ने कई बार मध्यस्थता कर मतभेदों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे राजनीति, प्रशासन और सामाजिक क्षेत्रों में समान रूप से सम्मानित व्यक्तित्व थे।
रितेश कुमार की रिपोर्ट