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Manjhi Attack on Chirag : चिराग को जीतन राम मांझी ने घेरा, 'कुछ ना कर पाने से बेहतर है मर जाना', बिहार NDA के दलित नेताओं में संग्राम!

जीतन राम मांझी की बहू के चुनाव में प्रचार करने नहीं गए चिराग पासवान के साथ क्या उनके रिश्ते अच्छे नहीं हैं. यह सवाल मांझी के एक पोस्ट के बाद और ज्यादा गहरा गया है. इसमें उन्होंने बिहार में निवेश और उद्योग स्थापना के मसले पर बड़ा सवाल किया है.

Manjhi Attack on Chirag
Manjhi Attack on Chirag- फोटो : news4nation

Manjhi Attack on Chirag : बिहार के दलित नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई की अटकलबाजियां अक्सर लगते रहती हैं. इसमें जीतन राम मांझी और चिराग पासवान का नाम प्रमुख है. बिहार से जुड़े एनडीए के घटक दलों में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के बीच रिश्तों को लेकर कई किस्म के सवाल उठते रहे हैं. एक बार फिर से मांझी के एक पोस्ट से नई सियासी कयासबाजी शुरू हो गई है. 


यह सब बिहार को लेकर चिराग पासवान से पूछे गए एक सवाल पर आया है. इसमें मांझी ने सवाल का समर्थन करते हुए इसे लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने वाला बताया है. हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बाकायदा चिराग पासवान से किए गए सवाल को सोशल मीडिया पर रिपोस्ट करते हुए अपना जवाब दिया है. इसमें उन्होंने बताया है कि बिहार के लिए कुछ ना कर पाने से बेहतर से मर जाना. 


दरअसल, सोशल मीडिया पर सत्य (एकंगर मगही) नाम के यूजर ने जीतन राम मांझी और बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा की तारीफ की है. साथ ही लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को निशाने पर लिया है. इसी पर मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. 'सत्य' ने लिखा है 'प्यारे चिराग पासवान,  नमस्कार, बहुत उम्मीद से ये पत्र आपको लिख रहा हूं। आशा करता हूं, आप स्वस्थ होंगे। आज कल सोशल मीडिया पर बिहार के विकास की बातें हो रही हैं । बहुत अच्छा लग रहा है कि जो पहले असंभव लग रहा था जीतन राम मांझी और नीतीश मिश्रा ने दिखाया है कि कैसे सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से सकारात्मक संवाद संभव है। हम जैसे कुछ पेज/X-handles की हार्दिक इक्षा थी कि आप भी सोशल मीडिया के माध्यम से बता पाते कि फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में आपने क्या क्या करने की कोशिश की और किस किस कोशिश में आप को सफलता मिली। हमे आपके failur attempt पर भी उतना ही गर्व होगा कि आपने कोशिश की। हो सके तो एक पोस्ट इस विषय पर जरूर करिएगा।


मांझी का तंज 

सत्य की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए मांझी ने लिखा है  'पद पर रहकर अगर बिहार और बिहारियत के लिए कुछ ना कर पाऊं तो उससे बेहतर मर जाना है। खैर आप जैसे युवा ही हमारी ताकत है जो कुर्सी पर बैठे जनप्रतिनिधियों से सवाल खड़ा करके लोकतंत्र को मजबूती प्रदान कर रहें हैं। बहुत-बहुत-बहुत आभार।' 


चिराग पर चुटकी !

चिराग पासवान केंद्र की मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण विभाग के मंत्री हैं. उनके मंत्रालय की ओर से बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश और उद्योग स्थापना को लेकर किया किया गया है, इसी की जानकारी के लिए सत्य द्वारा पोस्ट किया गया था. वहीं जीतन राम मांझी ने उस पोस्ट को आधार बनाते हुए एक तरह की चुटकी ली कि 'पद पर रहकर अगर बिहार और बिहारियत के लिए कुछ ना कर पाऊं तो उससे बेहतर मर जाना है. 


इमामगंज नहीं गए थे चिराग पासवान 

नवंबर महीने में हुए बिहार में चार सीटों के उपचुनाव में इमामगंज सीट पर जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी हम की उम्मीदवार थी. एनडीए समर्थित दीपा के चुनाव प्रचार के लिए चिराग पासवान इमामगंज नहीं गए थे. तब इसे लेकर सवाल उठे कि आखिर वे दीपा के प्रचार में क्यों नहीं गए. इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में 24000 के आसपास पासवान जाति के मतदाता थे. लेकिन वहां चिराग ने दीपा के पक्ष में प्रचार नहीं किया. तब से ही जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के बीच दलित वोटों पर वर्चस्व की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. 

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