भवन निर्माण विभाग के कार्यशैली पर भड़के भाजपा के पूर्व मंत्री: 'आवास अलॉट के समय नहीं रखते रिकॉर्ड, इसीलिए सरकारी आवासों में हो रही है लूट

राबड़ी आवास से सामान हटाए जाने के विवाद पर मिश्रा ने कहा कि सरकारी आवासों में लूट इसलिए मची है क्योंकि भवन निर्माण विभाग के पास रिकॉर्ड का अता-पता नहीं है। उन्होंने लालू यादव को नसीहत दी कि अब राजनीति छोड़ रामचरितमानस पढ़ें और पोता-पोती को खिलाएं

भवन निर्माण विभाग के कार्यशैली पर भड़के भाजपा के पूर्व मंत्र

Patna -  भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को नसीहत देते हुए सरकारी बंगलों के प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। राबड़ी आवास से गमले और अन्य सामान ले जाने की खबरों और उस पर जदयू द्वारा उठाए गए सवालों के बीच मिश्रा ने कहा कि असली समस्या सरकारी तंत्र की ढिलाई है। उन्होंने कहा कि विभाग के पास रिकॉर्ड ही नहीं होता कि किस बंगले में क्या सामान दिया गया है, जिसका फायदा उठाया जाता है। 

"रामचरितमानस पढ़िए, तभी बचेगा बिखरता परिवार"

जीवेश मिश्रा ने लालू प्रसाद यादव पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अब उनकी उम्र राजनीति करने की नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शांति की है। उन्होंने कहा कि लालू जी को अब रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए और आराम से घर पर रहना चाहिए। उन्हें अपने पोता-पोती के साथ समय बिताना चाहिए। अगर वह राम के चरित्र को अपनाएंगे और परिवार को त्याग की शिक्षा देंगे, तभी उनका परिवार बिखरने से बच पाएगा। 

भवन निर्माण विभाग की कार्यशैली पर कड़ा प्रहार

पूर्व मंत्री ने सरकारी आवासों की स्थिति पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए विभाग की पोल खोली। उन्होंने बताया कि जब वह स्वयं मंत्री बने और उन्हें फ्लैट आवंटित हुआ, तब वहां की सुविधाओं का कोई लिखित ब्यौरा (चिट्ठा) मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि जब विभाग के पास खुद ही इन्वेंट्री का रिकॉर्ड नहीं है, तो सामान की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने मांग की कि विभाग को एक प्रॉपर रजिस्टर मेंटेन करना चाहिए ताकि आवास आवंटित होते और खाली होते समय सामान का पूरा हिसाब रहे। 

सरकारी संपत्ति से मोह को बताया 'राजनीतिक पाप'

जीवेश मिश्रा ने कहा कि जिस घर पर आपका अधिकार खत्म हो चुका है, वहां से सरकारी संपत्ति ले जाना 'राजनीतिक पाप' है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर गमले निजी तौर पर लगाए गए थे तो उन पर विवाद नहीं होना चाहिए, लेकिन सरकारी उपक्रम द्वारा लगाए गए सामान को ले जाना अनुचित है। उन्होंने अंत में दोहराया कि लालू यादव के लिए अब राजनीति के बजाय 'राम-राम' करने का समय आ गया है।

रिपोर्ट - अभिजित  सिंह