Khan sir news - डोमिसाइल नीति लागू करने के नीतीश सरकार का फैसला नहीं, अभ्यर्थियों की जीत, और क्या बोले खान सर, कर दी यह मांग

Khan sir news - बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने के फैसले को खान सर ने छात्रों की जीत बताया है। साथ ही कहा कि अभी छात्रों की लड़ाई खत्म नहीं हुई है।

Khan sir news  -  डोमिसाइल नीति लागू करने के नीतीश सरकार का
डोमिसाइल पर खान सर खुश- फोटो : VANDANA SHARMA

Patna - बिहार में नीतीश  सरकार द्वारा डोमिसाइल नीति लागू करने  के फैसले का खान सर ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह मान रही है कि यह उन्होंने किया है,  तो यह गलत   होगा,  यह उन अभ्यर्थियों की जीत है, जो इसके लिए एकजुट होकर सड़क पर उतरे, पुलिस   की लाठी खाई, वाटर कैनन  का सामना करना  पड़ा। 

चुनाव के लिए ही सही  लेकिन लागू किया

खान सर ने कहा कि नीतीश सरकार ने भले ही चुनाव को देखते हुए यह फैसला लिया है। लेकिन अब इसे वापस नहीं ले सकते हैं।  टीआरई में इसे लागू कर दिया गया है। धीरे-धीरे हर तरफ से इसे लागू कर दिया जाएगा

 इसके  साथ ही खान सर ने  टीआरई – 3 के   सप्लिमेंट्री  रिजल्ट को लेकर भी मांग की सरकार को इसे भी जारी कर देना चाहिए। इसमें कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके लिए यह अंतिम प्रयास था, वह मेरिट में आने के बाद नौकरी से वंचित हो गए। इसलिए हमलोगों की मांग है कि टीआरई-4 से  पहले सप्लीमेंट्री रिजल्ट की मांग पूरी की जाए।

बिहार के छात्रों को होगा फायदा

खान सर ने बताया कि पंजाब, केरल हो या दूसरे राज्य, उनकी अपनी भाषा है, इसलिए एक पेपर स्थानीय भाषा की भी होती है। बिहार के साथ लैंग्वेज बेरियर नहीं है। क्योंकि स्थानीय   लोग अपनी भाषा को अच्छी तरह से समझते हैं।  इसलि बिहार के लोगों के लिए कर्मचारी लेवल या शिक्षक  भर्ती में डोमिसाइल का फायदा होगा

छात्रों की लड़ाई खत्म नहीं हुई

खान सर ने बताया छात्रों के लिए एक लड़ाई खत्म हुई है, लेकिन आगे भी लड़ता रहना है। अभी दिल्ली में एक लड़ाई चल रही है। एक बार लड़ोगे वैकेंसी, फिर फेयर एग्जाम के लिए लड़ाई लड़ते रहना है। 

एसएससी को बताया सबसे भ्रष्ट 

खान सर ने कहा कि एसएससी इतना नीचे गिर गया है कि चोर डाकू भी यह कहेंगे वह इतने बेईमान नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले टीसीएस इग्जाम कंट्रोल करता था। जिससे उन्हें शिकायतें थी। जिसके बाद एडीक्यूटी को सौंप दिया। लेकिन अब स्थिति ऐसी हो गई कि बच्चों का सेंटर अंडमान निकोबार भेज दिया है। 18 साल की लड़कियों  को एक्जाम कंट्रोल की जिम्मेदारी दे गई है। लेकिन वह रील बना रही है। 

अब यही कंपनी बिहार में इंट्री करने जा रही है। उन्होंने  कहा कि जिसे टाटा की टीसीएस 400 करोड़ में कर रही थी, उसे एडीक्यूटी सिर्फ 250 करोड़ में कैसे कंट्रोल कर रही है।  जब उनके पास इतनी  हैसियत नहीं है तो ऐसी कंपनी  को एक्जाम कंट्रोल को क्यों दिया  गया।

report - bandana sharma