Bihar News : लालू-राबड़ी भी कर चुके हैं राष्ट्रगान का अपमान ! सीएम नीतीश के बचाव में उतरी जदयू ने सबूत दिखाकर राजद को घेरा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाकर राजद ने उनके इस्तीफे की मांग की है. दूसरी ओर जदयू ने लालू यादव और राबड़ी देवी को इसी मुद्दे पर घेरा है. उन पर राष्ट्रगान का अपमान करने आरोप लगाया है.

Bihar News : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान के दौरान अपनी जगह से हिलने-डुलने और लोगों को अभिवादन करने के वायरल वीडियो को लेकर राजद उनके इस्तीफे की मांग का रहा है. शुक्रवार को इसे लेकर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा देखने को मिला. यहां तक कि विधानसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 2 बजे तक और फिर शाम 3.30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. वहीं विधान परिषद की कार्यवाही भी पहले दोपहर 2 बजे तक और फिर सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
राजद द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बाद जदयू ने जहां सीएम नीतीश का बचाव किया है, वहीं लालू यादव और राबड़ी देवी पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि 26 जनवरी 2002 को राष्ट्रगान के समय लालू यादव और राबड़ी देवी अपनी जगह पर बैठे थे. इसे लेकर उनके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था. उन्होंने कहा कि इसी तरह 15 अगस्त 1997 को लालू यादव ने तिरंगा उल्टा फहरा दिया था. यह भी देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान था. उनहोंने एक तस्वीर भी दिखाई जिसमें लालू यादव और राबड़ी देवी बैठे हैं.
जेल भेजे जाएं सीएम नीतीश : राजद
राजद ने कहा कि राष्ट्रगान का अपमान करने वाले पर कार्रवाई करने का क़ानूनी प्रावधान है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि इसके तहत 3 साल की सजा का प्रावधान है. प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के मुताबिक राष्ट्रगान का अपमान करना दंडनीय अपराध है. इसका उल्लंघन करने पर 3 साल तक की जेल या जुर्माना या फिर दोनों ही सजा हो सकती है. राष्ट्रगान को जानबूझकर रोकने या फिर राष्ट्रगान गाने के लिए जमा हुए ग्रुप के लिए बाधा खड़ी करने पर अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है. वहीं जुर्माना भी लगाया जा सकता है. ऐसे में राष्ट्रगान के दौरान सम्मानजनक मुद्रा में खड़े रहना जरूरी है. राष्ट्रगान के दौरान व्यक्ति के अंदर देशभक्ति की भावना होनी चाहिए और व्यक्त भी करनी चाहिए.
क्या कहता है कानून
राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 3 में अपराध तभी माना गया है जब कोई व्यक्ति राष्ट्रगान के वक्त व्यवधान पैदा करे. यानी अगर किसी व्यक्ति द्वारा राष्ट्रगान बजते रहने के दौरान उनके कृत्य से किसी प्रकार का व्यवधान पैदा होता है तो इसे कानून के तहत 3 साल की सजा दिए जाने का नियम है.
क्या है राष्ट्रगान रुकवाने का मामला?
दरअसल, गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में सेपक टाकरा वर्ल्ड कप 2025 का उद्घाटन करने पहुंचे थे। कार्यक्रम में सीएम के मंच पर पहुंचने के बाद राष्ट्रगान बजाया जाना था, लेकिन उन्होंने इसे शुरू होने से पहले ही रुकवा दिया। सीएम ने मंच से इशारे में कहा, "पहले स्टेडियम का चक्कर लगाकर आते हैं, फिर शुरू कीजिएगा।" मुख्यमंत्री का संकेत मिलते ही मंत्री विजय चौधरी ने राष्ट्रगान बंद करा दिया। इसके बाद नीतीश कुमार स्टेडियम का चक्कर लगाने के लिए निकल गए।
राष्ट्रगान के समय सीएम अभिवादन में रहे व्यस्त
स्टेडियम का चक्कर लगाने के बाद सीएम वापस मंच पर लौटे और दोबारा राष्ट्रगान बजाया गया। इस दौरान भी नीतीश कुमार हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते रहे। प्रधान सचिव दीपक कुमार ने जब यह देखा तो सीएम को सावधान मुद्रा में खड़े होने का इशारा किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे नजरअंदाज करते हुए पत्रकारों की ओर देख प्रणाम करना जारी रखा।
अभिजीत की रिपोर्ट