बिहार के लिए बुरी खबर ! जन्म के समय कम वजन और छोटे आकार के पैदा हो रहे शिशु, आंकड़े देख बढ़ जाएगी चिंता
बिहार में पैदा हो रहे बच्चों को लेकर एक चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है. इसमें नवजात के जन्म के समय कम वजन और छोटे आकार की बातें सामने आई है. इसमें बिहार के साथ तीन अन्य राज्य शामिल हैं.

Bihar News: बिहार में तमाम कोशिशों के बाद भी जन्म के समय शिशु कम वजन के पैदा हो रहे हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के विश्लेषण में ये बातें सामने आई हैं जिसमें बिहार के साथ ही उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी जन्म के समय शिशुओं के कम वजन के मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि देश में कम वजन के कुल पैदा हुए शिशुओं में इन चार राज्यों की हिस्सेदारी आधे से ज्यादा है.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित हुए रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में ये बातें कहीं गई हैं. विशलेषण में यह भी कहा गया है कि यह स्थिति तब है कि जब पिछले 30 वर्षों में दरों में कमी लाने में समग्र प्रगति हुई है। 2.5 किलोग्राम से कम वजन के शिशुओं को कम वजन वाले बच्चे की श्रेणी में रखा जाता है. इसमें गर्भवस्था के समय क्सर माँ की अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं और खराब पोषण से शिशु वजन दर में कमी आती है.
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि एक ही वर्ष में 42 लाख बच्चे कम वजन के साथ पैदा हुए, जिनमें से लगभग आधे (47 प्रतिशत) केवल चार राज्यों - उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से आए। इसके पहले इसमें राजस्थान भी शामिल था लेकिन बाद के वर्षों में वहां व्यापक सुधर हुआ है.
दरअसल, सर्वेक्षण के आधार में पांच श्रेणी के वर्षों को रखा गया है. इसमें इसमें 1993 से लेकर वर्ष 2021 तक के वर्षों का राज्यवार आकलन किया गया है. इसमें बिहार के लिए चिंता की बात यह है कि 2019-21 के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि राज्य में जन्म के समय कम वजन और औसत से छोटे आकार वाले बच्चों के जन्म की संभावना "काफी अधिक" रही. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देने की जरूरत है.