Bihar News: बिहार में रेलवे का महाविकास! 52 प्रोजेक्ट्स पर काम जारी, ट्रैक बिछाने में यूपी से 2.5 गुना आगे

Bihar News: बिहार में 52 रेल परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिनमें से 31 नई रेल लाइनों का निर्माण और 20 दोहरीकरण प्रोजेक्ट शामिल हैं।

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बिहार में रेलवे का महाविकास! - फोटो : social Media

Bihar News:बिहार में रेलवे के क्षेत्र में ऐतिहासिक विकास हो रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी दी कि राज्य में 52 रेल परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिनमें से 31 नई रेल लाइनों का निर्माण और 20 दोहरीकरण प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन परियोजनाओं पर 86,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है।

रेल मंत्री के अनुसार, 1 अप्रैल 2026 तक इन सभी परियोजनाओं को लेकर कार्यप्रगति जारी है। यह न सिर्फ राज्य के कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाएगा, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति देगा।

रेलवे मंत्रालय के अनुसार 2009-14 के दौरान बिहार को सालाना औसतन 1,132 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते थे।अब यह राशि 2025-26 में बढ़कर 9 गुना हो चुकी है  10,066 करोड़ रुपये सालाना।

रेल ट्रैक निर्माण की बात करें तो 2009-14 में हर साल औसतन 63.6 किलोमीटर ट्रैक बिछाया गया।2014-25 के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर हर साल 172.6 किलोमीटर हो गया है।अब तक कुल 1,899 किलोमीटर नए ट्रैक का निर्माण हो चुका है।

इस तरह बिहार में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में 2.5 गुना अधिक रेल पटरियां बिछाई गई हैं, जो यूपी की तुलना में भी अधिक है।

रेल मंत्री ने बताया कि आने वाले समय में सीतामढ़ी-शिवहर के बीच 567 करोड़ रुपये की लागत से नई रेल लाइन बिछाई जाएगी।

इसके अलावा, जिन मार्गों पर विकास या दोहरीकरण की योजना है, उनमें शामिल हैं:सकरी–हाजीपुर,खगड़िया–कुशेश्वर स्थान,कोडरमा–तिलैया,अररिया–सुपौल,हाजीपुर–सुगौली,विक्रमशिला–कटेरिया,पीरपैंती–जसीडीह

दीनदयाल उपाध्याय से किऊल के बीच तीसरी और चौथी लाइन के लिए सर्वे किया जा रहा है, जिससे फ्रेट और पैसेंजर ट्रैफिक दोनों को सुगमता मिलेगी।

रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि कई रेल प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो अन्य राज्यों से भी जुड़े हैं, इसलिए जोनल रेलवे के स्तर पर समन्वय बनाकर सर्वे और कार्यान्वयन हो रहा है।

बिहार में रेल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हो रहा है। केंद्र सरकार की सक्रियता, संसाधनों की बढ़ती उपलब्धता और ज़मीनी प्रगति से यह साफ है कि आने वाले वर्षों में बिहार रेलवे कनेक्टिविटी का नया हब बनने की ओर अग्रसर है।