मास्टरमाइंड बर्खास्त सिपाही ने दोस्त के फोन से मांगी थी रंगदारी, मोबाइल वाला शुभम गिरफ्तार, लाली अब भी फरार

जहानाबाद जिले का मूल निवासी बर्खास्त सिपाही लाली सिंह उर्फ वेद निधि का रहा है आपराधिक रिकॉर्ड,जो बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन में भी पदाधिकारी रह चुका है। कई पुलिस वालों से रहे है मधुर सम्बन्ध,अभी फरार है और एसआईटी (SIT) उसकी तलाश कर रही है।

मास्टरमाइंड बर्खास्त सिपाही ने दोस्त के फोन से मांगी थी रंगद
मास्टरमाइंड बर्खास्त सिपाही ने दोस्त के फोन से मांगी थी रंगदारी, मोबाइल वाला शुभम गिरफ्तार- फोटो : NEWS 4 NATION

पटना पुलिस ने रूपसपुर थाना क्षेत्र के बिल्डर अनुपम कुमार से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में कार्रवाई करते हुए रांची से शुभम राजन को गिरफ्तार कर लिया है। शुभम राजन झारखंड खेल प्राधिकरण में क्लर्क के पद पर कार्यरत है। पुलिस उसे पूछताछ के लिए पटना लाई है। रंगदारी मांगने में इस्तेमाल किया गया उसका मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया है। शुभम मूल रूप से कटिहार के मनिहारी का रहने वाला है और वर्तमान में रांची के खेलगांव परिसर में रहता था। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि दो दिन पहले अनुपम के मोबाइल से ही बिल्डर से रंगदारी मांगी गई थी और पैसे न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले का दूसरा आरोपी अभी फरार है। हालांकि, मास्टरमाइंड लाली सिंह अभी फरार है और एसआईटी (SIT) उसकी तलाश कर रही है।


मास्टरमाइंड निकला बर्खास्त सिपाही, दोस्त के फोन से मांगी रंगदारी

पुलिस के अनुसार, इस रंगदारी की घटना का मास्टरमाइंड पटना पुलिस का बर्खास्त सिपाही लाली सिंह उर्फ वेद निधि है, जो बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन में भी पदाधिकारी रह चुका है। लाली सिंह इन दिनों रांची में रह रहा है, जहाँ उसकी दोस्ती शुभम राजन से हुई। पुलिस का मानना है कि दो दिन पहले लाली ने शुभम से यह कहकर उसका मोबाइल मांगा कि उसका अपना फोन रिचार्ज नहीं है, और फिर उसी फोन का इस्तेमाल बिल्डर को रंगदारी के लिए कॉल करने में किया। 

लाली का रहा है आपराधिक रिकॉर्ड

फरार मास्टरमाइंड लाली सिंह उर्फ वेद निधि का आपराधिक इतिहास रहा है। मूल रूप से जहानाबाद के घोषी निवासी वेद निधि का नाम दानापुर नगर परिषद के उपसभापति व जदयू नेता दीपक कुमार मेहता की हत्या मामले में भी उसका नाम सामने आया था। वह कुख्यात रवि गोप का शागिर्द भी है और दीघा के रवि गोप के साथ उसके अवैध धंधों में शामिल रहा है। लाली पहले भी जेल जा चुका है। बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन में रहते हुए वह एक सोना लूट मामले में भी अभियुक्त था, जिसके बाद उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।