Bihar Politics : मंत्री संतोष सुमन ने राजद-कांग्रेस पर किया अटैक, कहा जंगल राज के भय से मिलरों, उद्योगपतियों ने किया था पलायन

Bihar Politics : बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने राजद कांग्रेस पर जमकर हमला किया है. उन्होंने कहा की जंगलराज के भय से राज्य के कई मिलरों और उद्योगपतियों ने पलायन किया था.....पढ़िए आगे

Bihar Politics : मंत्री संतोष सुमन ने राजद-कांग्रेस पर किया
राजद-कांग्रेस पर अटैक - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व लघु जल संसाधन मंत्री डॉ.संतोष सुमन ने कहा है कि राजद-कांग्रेस के शासनकाल (1985-2005) के 20 वर्षों में उत्तर बिहार जो कभी 'चीनी का कटोरा' कहलाता था की आधा दर्जन चीनी मिलें एक-एक कर बंद हो गईं। जंगल राज में भय व दहशत से मिलरों व अन्य उद्योगपतियों का बड़ी संख्या में बिहार से पलायन हुआ।

सुमन ने कहा कि एक जमाने में उत्तर बिहार में 16 चीनी मिलें चलती थीं, उनमें से 7 लालू-राबड़ी के राज में बंद हुईं। मिले बंद होने का असर न सिर्फ रोजगार पर पड़ा, बल्कि लाखों किसान नकदी फसल की खेती से अलग हो गए। पश्चिम चंपारण में नरकटियागंज, लौरिया, मझौलिया, चनपटिया, बगहा और रामनगर में कुल छह चीनी मिलें थीं। चनपटिया चीनी मिल वर्ष 1994 से बंद है। मधुबनी की लोहट चीनी मिल भी जंगल राज के दहशत के दौर में 1996 में जो बंद हुई, आज तक बंद है। मुजफ्फरपुर की मोतीपुर चीनी मिल में सन् 1997 से पेराई ठप हो गई। समस्तीपुर जिला मुख्यालय स्थित चीनी मिल में 1985 (कांग्रेस के शासनकाल) से ताला बंद है।

उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में सबसे बुरी स्थिति मिथिलांचल की रही। कभी यहां की सकरी और रैयाम चीनी मिलों का नाम था। 1993 में सकरी और एक साल बाद 1994 में रैयाम में तालाबंदी हो गई। उन्होंने पूछा है कि राजद को बताना चाहिए कि यह किसका कार्यकाल था? पूर्वी चंपारण में भी ऐसा ही देखने को मिला।  सात चीनी मिलें लालू-राबड़ी और कांग्रेस के राज में तालाबंदी का शिकार हुई।

सुमन ने कहा कि राजद के दहशत भरे राज में अपराध, भ्रष्टाचार, फिरौती के लिए अपहरण और लूट-खसोट से जहां बिहार के लोग तबाह थे। वहीं चीनी मिलों की बंदी ने लाखों गन्ना किसानों व मिलों में कार्यरत करीब एक लाख कामगारों के परिजनों को भुखमरी के गर्त में धकेल दिया। आज उसी राजद, कांग्रेस को उद्योग, पलायन, रोजगार व किसानों की बातें करते हुए शर्म भी नहीं आ रही है।