Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पान समाज हुआ ताकतवर, IP गुप्ता के साथ जुड़े इतने लोग

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पान समाज और अधिक ताकतवर हो गई है। आईपी गुप्ता के साथ कई लोग जुड़े हैं। हजारों लोगों ने आईआईपी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।

आईपी गुप्ता
बिहार विधानसभा चुनाव - फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में जहां पारंपरिक दल रणनीति बनाने में लगे हैं, वहीं इंडियन इंकलाब पार्टी (IIP) और पान समाज ने ज़मीनी स्तर पर अपनी राजनीतिक उपस्थिति मजबूत करनी शुरू कर दी है। बीते कुछ हफ्तों में IIP ने सदस्यता अभियान के तहत प्रदेश में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की है। शुक्रवार को भागलपुर जिले के तीन प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों पीरपैंती, कहलगांव और सुल्तानगंज—में IIP ने एक साथ सदस्यता संग्राम अभियान चलाया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी देखने को मिली। 

5000 से अधिक लोगों ने ग्रहण की सदस्यता 

पार्टी के अनुसार अब तक कुल 5000 से अधिक लोगों ने सदस्यता ग्रहण की है। दिलचस्प तथ्य यह है कि इन नए सदस्यों में विभिन्न जाति और धर्मों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं, जिससे IIP के सामाजिक आधार के विस्तार का संकेत मिलता है। इसी क्रम में मुंगेर जिले में अखिल भारतीय पान महासंघ की जिला कार्यकारिणी बैठक का आयोजन होटल हरी इंटरनेशनल के सभागार में किया गया, जिसमें पान समाज के साथ-साथ अन्य समाजों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता रामावतार तांती ने की, और कार्यक्रम का संचालन जिला अध्यक्ष विनय कुमार गुप्ता ने किया।

पान समाज की बैठक

बैठक में IIP के संगठनात्मक विस्तार को लेकर बड़ा प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें नरेंद्र तांती को मुंगेर जिला अध्यक्ष बनाए जाने की सर्वसम्मति से मांग उठी। जिला अध्यक्ष ने इस पर सहमति जताते हुए प्रस्ताव को राष्ट्रीय नेतृत्व तक भेजने की बात कही। साथ ही सभी प्रखंडों में पंचायत और नगर अध्यक्षों की नियुक्ति का निर्देश भी जारी किया गया। इस अवसर पर महिला प्रदेश उपाध्यक्ष माधुरी गुप्ता, मीडिया प्रभारी सुनील कुमार गुप्ता, व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र तांती सहित कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।

पान समाज की सक्रियता लाएगी बड़ा बदलाव

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पान समाज और IIP की यह सक्रियता 2025 के चुनाव में एक बड़ा परिवर्तन ला सकती है। पार्टी न केवल जाति आधारित समीकरणों को तोड़ने की ओर अग्रसर है, बल्कि विभिन्न वर्गों को एक साझा मंच पर लाकर ‘राजनीतिक न्याय’ की अवधारणा को नया आयाम दे रही है। अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि IIP और पान समाज को अनदेखा करना आने वाले चुनाव में किसी भी दल के लिए भारी भूल साबित हो सकती है।