तेजस्वी के फेंके जाल में फंस गए सन ऑफ मल्लाह, अब छटपटाने के बाद भी बाहर निकलना होगा मुश्किल

तेजस्वी के फेंके जाल में फंस गए सन ऑफ मल्लाह, अब छटपटाने के

Patna - खुद को सन ऑफ मल्लाह कहनेवाले मुकेश  सहनी इस बार तेजस्वी यादव के फेंके जाल में बुरी तरह से फंस गए हैं। स्थिति ऐसी है कि अब इस जाल में छटपटाने के बाद भी मुकेश सहनी का इस जाल से बाहर निकल पाना मुश्किल हो गया है।

मुकेश सहनी के लिए अब महागठबंधन से बाहर जाने के रास्ते भी बंद हो गया है, उनके पास इतना समय भी नहीं है कि किसी दूसरे विकल्प के बारे में विचार कर सकें।

कैसे बुना तेजस्वी ने जाल,  जिसमें फंसे सहनी

महागठबंधन में पिछले कई महीने से सीटों के  बंटवारे को लेकर बैठक हो रही है। हर बार यही कहा गया कि सब कुछ सही है। सीटों के बंटवारे पर कोई विवाद नहीं है। वहीं सहनी भी  लगातार खुद को डिप्टी सीएम बताते रहे। लेकिन जैसे जैसे चुनाव नजदीक आया, स्थिति   बदलने लगी। 

कांग्रेस की तरफ से मुकेश सहनी को अधिक सीटें देने और डिप्टी सीएम के पद देने को लेकर विरोध जताया। जिसके बाद कांग्रेस का दबाव तेजस्वी पर बढ़ा और उन्होंने मुकेश सहनी की सीटों में कटौती करनी शुरू कर दी। 60 सीटों  की मांग कर रहे सहनी को पहले 30, फिर 15 सीट  देने की मांग होने लगी। लेकिन मुकेश सहनी के हिस्से में कितनी सीटें आएगी, यह तय नहीं हो गया।

इसी बीच बिहार चुनाव की तारीख भी घोषित  हो गई। पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन भी शुरू हो गया। एनडीए की सभी पार्टियों ने अपने कैडिडेट घोषित कर दिए। वहीं तेजस्वी और कांग्रेस ने अंतिम समय तक सीटों के बंटवारे का मामला अटकाए रखा। इसी बीच कांग्रेस और राजद ने अपने कैंडिडेट को सिंबल बांट दिया। 

जिन सीटों पर वीआईपी मजबूत थी, वह मुकेश सहनी के हाथों से निकल गई। अब पहले चरण के नॉमिनेशन के लिए एक दिन का समय बचा है। लेकिन मुकेश सहनी के कैंडिडेट का कोई पता नहीं है।

एनडीए में रास्ता बंद

वहीं अब एनडीए में मुकेश सहनी के लौटने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। अब मुकेश सहनी महागठबंधन के ऐसे जाल में फंस गए हैँ, जिससे छुटने के रास्ते  बंद हो गए हैं। अब मुकेश सहनी सीटों की शर्त नहीं मानते हैं तो चुनाव में उन्हें नुकसान हो सकता है।