Sanjeev Mukhiya News: गिरफ्तारी के बाद पहली बार दिखा नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया, सिविल कोर्ट में पेशी के बाद ले जाते हुए कैमरे में हुआ कैद
नीट 2024 पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को पटना के सगुना मोड़ स्थित अपार्टमेंट से गिरफ्तार कर लिया गया है। आर्थिक अपराध इकाई और पटना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे पकड़ा गया।

Sanjeev Mukhiya News: देश की प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET (नीट) 2024 के पेपर लीक मामले में एक बड़ा मोड़ सामने आ चुका है। बहुचर्चित केस के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने संयुक्त रूप से पटना के सगुना मोड़ स्थित एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार कर लिया था। इसकी की पुष्टि शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 की सुबह को हो गई थी। जिससे शिक्षा जगत और प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई है।
नीट पेपर लीक का मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को आज शुक्रवार (25 अप्रैल) को सिविल कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था। इससे जुड़ा वीडियो सामने आया है, जिसमें वो पुलिस के साथ एक सफेद रंग की गाड़ी में बीच में बैठे हुए थे। उसने पीले रंग का शर्ट पहन रखा था। हालांकि, उसका चेहरा अधेरे की वजह से साफ नहीं दिखाई पड़ रहा था।
2016 की बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा लीक में नाम
संजीव मुखिया का नाम पहली बार 2016 की बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा लीक में सामने आया था, और इसके बाद से वह लगातार कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में आरोपी रह चुका है। 5 मई 2024 को हुई NEET परीक्षा के बाद से ही वह फरार चल रहा था, और बिहार सरकार ने उस पर ₹3 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। उसकी गिरफ्तारी को लेकर लंबे समय से राज्य और केंद्र की एजेंसियों के बीच सहयोग चल रहा था।
संजीव मुखिया का आपराधिक रिकॉर्ड और पृष्ठभूमि
संजीव मुखिया बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा गांव का निवासी है। वह एक समय कृषि कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत था। केवल वही नहीं, उसका पूरा परिवार भी संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त रहा है — उसका बेटा शिवकुमार पहले से ही पेपर लीक केस में जेल में बंद है, जबकि उसकी पत्नी ममता एक बार विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं।
संजीव मुखिया के रिश्तेदार चिंटू की 2024 में झारखंड के देवघर से गिरफ्तारी हुई थी, जो इस पेपर लीक कांड में शामिल छह लोगों में से एक था। संजीव की गिरफ्तारी से इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में अब प्रशासन को आसानी हो सकती है।
कैसे हुई गिरफ्तारी
EOU के ADG नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि, “संजीव मुखिया हमारी लिस्ट में प्राइम टारगेट था। उसकी गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था। हमें कल देर रात एक सटीक इनपुट मिला, जिसके आधार पर पटना के सगुना मोड़ के एक अपार्टमेंट में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया गया।”
इससे पहले जनवरी 2025 में पटना सिविल कोर्ट ने संजीव मुखिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन वह लगातार ठिकाने बदलता रहा। आखिरकार आर्थिक अपराध इकाई की तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचना प्रणाली के चलते वह गिरफ्त में आया।
अब क्या होगा आगे?
संजीव मुखिया से पूछताछ की जा रही है और अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बहुचर्चित पेपर लीक गिरोह से जुड़े कई बड़े नाम और लिंक उजागर होंगे। चूंकि वह वर्षों से इस तरह के मामलों में सक्रिय रहा है, उसकी गिरफ्तारी से उन राजनीतिक और प्रशासनिक परतों को भी उजागर किया जा सकता है जो अब तक अछूते थे।