Bihar Politics:नितिन नवीन ने दिया मंत्री पद से इस्तीफा, उधर दिलीप जायसवाल और विजय कुमार सिन्हा को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी,बीजेपी का बड़ा दांव
एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत के तहत नवीन ने पथ निर्माण और नगर विकास एवं आवास जैसे अहम मंत्रालयों से विदा ली...
Bihar Politics: बीजेपी की राजनीति में उसूल एक बार फिर कुर्सी पर भारी पड़े हैं। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने नीतीश सरकार में मंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर यह साफ़ कर दिया कि संगठन सर्वोपरि है और सत्ता उसके बाद। एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत के तहत नवीन ने पथ निर्माण और नगर विकास एवं आवास जैसे अहम मंत्रालयों से विदा ली बिहार में नई सरकार बने महज़ एक महीना ही बीता था। यह इस्तीफ़ा सिर्फ़ प्रशासनिक फ़ैसला नहीं, बल्कि सियासी पैग़ाम है बीजेपी संगठन को मज़बूत करने की नई रणनीति पर आगे बढ़ रही है।
नितिन नवीन के इस्तीफ़े के बाद सत्ता का तख़्ता कुछ यूं बदला कि पथ निर्माण विभाग की कमान दिलीप जायसवाल को और नगर विकास एवं आवास विभाग की ज़िम्मेदारी विजय कुमार सिन्हा को सौंपी गई। यह फेरबदल बताता है कि बीजेपी बिहार में गवर्नेंस और संगठन दोनों मोर्चों पर संतुलन साधना चाहती है। एक तरफ़ संगठन को धार, दूसरी तरफ़ सरकार को रफ़्तार।
सोमवार को ही नितिन नवीन ने बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभाला। पार्टी मुख्यालय में ज़ोरदार इस्तक़बाल हुआ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा की मौजूदगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बधाई ने इस नियुक्ति को सियासी वज़न दे दिया। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर नबीन की मेहनत, विनम्रता और संगठनात्मक अनुभव की तारीफ़ की। उनका कहना था कि नितिन नबीन की ऊर्जा और समर्पण आने वाले वक़्त में पार्टी को और मज़बूत करेगा।
कायस्थ समाज से आने वाले नितिन नवीन बिहार की राजनीति में तेज़-तर्रार, ज़मीन से जुड़े और संगठन साधने वाले नेता माने जाते हैं। 23 मई 1980 को रांची में जन्मे नबीन, जेपी आंदोलन से जुड़े पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राजनीति में आए। 2006 से लेकर 2025 तक पांच बार विधायक चुने जाना उनके जनाधार की गवाही है। युवा मोर्चा के अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय महामंत्री तक का सफ़र और सरकार में पीडब्ल्यूडी से शहरी विकास तक का अनुभव नबीन को संगठन और शासन दोनों की नब्ज़ समझने वाला नेता बनाता है।आज नितिन नवीन मंत्री नहीं, मगर बीजेपी के संगठनात्मक मोर्चे पर सबसे अहम सिपहसालार हैं।