Bihar CO compulsory retirement - नीतीश सरकार ने अंचलाधिकारी को दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति, अधिकारी पर थे यह आरोप, जानें पूरा मामला
Bihar CO compulsory retirement - नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंचलाधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। इस संबंध में सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है।

Patna : पूर्वी चंपारण, लखीसराय एवं खगड़िया के जिला समाहर्त्ताओं के आरोप पत्रों की सम्यक जांच के उपरांत विभागीय अनुशासनिक प्राधिकार ने खगड़िया जिले के मानसी के तत्कालीन अंचल अधिकारी प्रभात कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेजने का निर्णय लिया है।
प्रभात कुमार पर विभिन्न पदस्थापन अवधियों में अलग-अलग जिलों के डीएम द्वारा विहित प्रपत्रों में आरोप पत्र गठित कर विभाग को उपलब्ध कराया गया था। समाहर्त्ता, लखीसराय द्वारा प्रभात कुमार पर वरीय पदाधिकारियों को जांच में सहयोग नहीं करने, गलत सूचना देने, रैयतों एवं कनीय कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार करने, विभाग द्वारा संचयात्मक प्रभाव से अवरूद्ध पाँच वेतनवृद्धियों का अवैध निकासी कोषागार से किये जाने का प्रयास करने तथ क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्य करने का आरोप पत्र समर्पित किया था।
कोरोना काल में नहीं किया काम
समाहर्त्ता, पूर्वी चम्पारण द्वारा प्रेषित पत्र में प्रभात कुमार, तत्कालीन अंचल अधिकारी, छौड़ादानो, पूर्वी चम्पारण के विरूद्ध कोरोना वायरस से उत्पन्न आपदा से निपटने में नाकाम रहने, आदेशों की अवहेलना करने, मुख्यालय में न रहकर सरकारी वाहन का दुरुपयोग करने जैसे आरोपों पर निलंबित किया गया था।
खगड़िया में भी लापरवाही के आरोप
समाहर्त्ता, खगड़िया द्वारा प्रतिवेदित आरोपों में ऑनलाइन भूमि दाखिल-खारिज के निष्पादन में विभागीय नियमों का उल्लंघन करने, मानसी अंचल में अधिसूचित राजस्व अधिकारी के पदस्थापन होने के वाबजूद बिना सक्षम प्राधिकार की अनुमति के राजस्व अधिकारी का कार्य राजस्व कर्मचारी से लेने, विभागीय नियमों के विपरीत अस्वीकृत दाखिल-खारिज के मामलों को पुनः स्वीकृति देने, विभागीय निर्देश के बावजूद सुयोग्य श्रेणी के वासभूमि विहीन परिवारों को भूमि उपलब्ध कराने हेतु अभियान बसेरा 2 सर्वेक्षण कार्य में लापरवाही करने, जानबूझ कर भूमि विवाद को उत्त्पन्न करने का कृत्य करने, पदोचित गरिमा के विरूद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग एवं आमजनों के साथ दुर्व्यवहार करने, विधि-व्यवस्था एवं अन्य कार्यों में सहयोग नहीं करने, बैठकों में वरीय पदाधिकारी की अनुमति के बिना अनुपस्थित रहने के आरोप थे।
कई बार हो चुके निलंबित
सरकारी दायित्वों का उचित निर्वहन नहीं करने के कारण श्री कुमार को कई बार निलंबन का सामना भी करना पड़ा था। अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा निर्णय लिया गया कि आरोपों की सम्यक जाँच के उपरांत आरोपी पदाधिकारी के विरूद्ध पूर्व में 02 मामलों में दण्डित किये जाने के बावजूद अन्य 04 मामले में आरोप पत्र गठित होना उनकी आदतन कार्य-संस्कृति के साथ ही उनके कार्यकलाप में कोई सुधार नहीं होने को परिलक्षित करता है।
उनके द्वारा लगातार पदीय दायित्वों के विरूद्ध राजस्व संबंधी कार्यों में शिथिलता, उदासीनता, लापरवाही, अनियमितता, स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता एवं वरीय पदाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की गई है। अतः उन्हें बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियमावली-2005 के नियम-14 (ix) के तहत "अनिवार्य सेवानिवृत्ति’’ प्रदान की गई।