Bihar News: सीएम नीतीश के मंत्री का बड़ा एक्शन, 40 अधिकारियों का रोका वेतन, इस मामले में सख्त हुई बिहार सरकार
Bihar News: सीएम नीतीश के मंत्री ने विभागीय कार्रवाही संभालते ही बड़ा एक्शन लिया है। मंत्री जी ने 40 अधिकारियों का वेतन रोक दिया है। साथ ही कार्रवाई का निर्देश भी दे दिया है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
Bihar News: बिहार सरकार सभी विभागों में सख्ती से काम कर रही है। साथ ही लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी की जा रही है। इसी कड़ी में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) ने खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। विभागीय रैंकिंग में सबसे नीचे पाए गए 5 कार्यपालक अभियंताओं, 10 सहायक अभियंताओं और 25 कनीय अभियंताओं का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
विभागीय कार्रवाई का निर्देश
सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। यह फैसला शुक्रवार को विभागीय मंत्री संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया। बैठक में मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के कुल 54 लोक स्वास्थ्य प्रमंडलों की जलापूर्ति परियोजनाओं की स्थिति पर विस्तृत चर्चा हुई।
पहले भी हुई थी कार्रवाई
बैठक में बताया गया कि दो दिन पहले भी असंतोषजनक कार्य करने पर एक कार्यपालक अभियंता, चार सहायक अभियंता और पांच कनीय अभियंताओं पर कार्रवाई हो चुकी है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहन और सम्मान देने की व्यवस्था भी जारी रहेगी।
रैंकिंग सिस्टम पर आधारित कार्रवाई
बैठक में मंत्री को रैंकिंग प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी गई, जिसके आधार पर अभियंताओं के कार्य निष्पादन का नियमित मूल्यांकन किया जाता है। हाउस कनेक्शन की प्रगति, हैंडपंप मरम्मत की स्थिति, वार्ड कवरेज के साथ-साथ विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं की प्रभाविता पर भी समीक्षा की गई। मंत्री ने पंचायती राज विभाग से हस्तांतरित योजनाओं के अधूरे बचे टोलों से संबंधित टेंडरों को तुरंत पूरा करने का निर्देश दिया।
51,699 योजनाएं चालू, 94% शिकायतों का निपटारा
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि मुजफ्फरपुर परिक्षेत्र में कुल 51,699 जलापूर्ति योजनाएं संचालित हैं। अब तक 20,451 शिकायतों में से 19,278 का समाधान किया जा चुका है, यानी लगभग 94% शिकायतों का निपटारा हो चुका है। मंत्री संजय कुमार सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी कि कार्य में लापरवाही को “गंभीर कदाचार” माना जाएगा और दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि यदि ठेकेदारों की ओर से भी जरा-सी लापरवाही सामने आए तो उन्हें तुरंत डिबार या ब्लैकलिस्ट किया जाए।