Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। 20 अगस्त 2024 से बिहार सरकार के द्वारा सर्वे का काम कराया जा रहा है। लेकिन प्रदेश में सर्वे की रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही है। माना जा रहा है फरवरी माह से सर्वे के काम में तेजी आ सकता है। दरअसल, बिहार में जमीन सर्वेक्षण का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। एक ओर रैयतों (भूमि धारकों) को आवश्यक दस्तावेज जुटाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार नए-नए निर्देश जारी कर रही है।
अब तक मिले केवल 1 करोड़ आवेदन
राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में भूमि धारकों ने लगभग एक करोड़ आवेदन स्व-घोषणात्मक प्रारूप में सहायक दस्तावेजों के साथ सत्यापन के लिए ब्लॉक कार्यालयों और अन्य राजस्व कार्यालयों (ऑनलाइन मोड) में जमा किए हैं।
दस्तावेज जमा करने के लिए मिला था अतिरिक्त समय
सितंबर में राज्य सरकार ने भूमि धारकों को जरूरी दस्तावेज जमा करने का अवसर दिया था। इस दौरान लोगों की शिकायतें मिलीं कि उन्हें अपनी जमीन के स्वामित्व, जमाबंदी या बंटवारे से जुड़े आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि फरवरी के अंत से भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
फरवरी के अंत से तेज होगी सर्वेक्षण प्रक्रिया
राजस्व और भूमि सुधार विभाग के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, फरवरी के अंत से बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम तेज गति से शुरू किया जाएगा। इसमें: सीमाओं की माप, किस्तवार और खानापूर्ति की प्रक्रिया और मसौदा प्रकाशन और आपत्तियां दर्ज करने की व्यवस्था होगी। इस प्रक्रिया के तहत सभी जिलों में भूमि सीमांकन, दस्तावेजों का सत्यापन और भूखंडों की पहचान की जाएगी। इसके बाद सरकार मसौदा प्रकाशन कर आपत्तियां और दावे मांगेगी।
गांवों में डिजिटल मानचित्र और नक्शों की बिक्री
अधिकारियों के मुताबिक, राजस्व विभाग पिछले कुछ महीनों से सर्वेक्षण की तैयारी में जुटा है, ताकि भूमि धारकों को अपने भूखंडों की सही जानकारी मिल सके। इसके लिए-गांवों के डिजिटल मानचित्र तैयार किए जा रहे हैं। जनता को आसानी से नक्शे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों और मेलों में इन नक्शों की बिक्री की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य भूमि मालिकों को अपने भूखंड की स्पष्ट जानकारी देना और किसी भी प्रकार की जमीन से जुड़ी समस्याओं को हल करना है।
भूमि धारकों को दी जा रही कई सुविधाएं
बिहार में जमीन सर्वेक्षण का कार्य धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, लेकिन फरवरी के अंत से इसमें तेजी आने की उम्मीद है। भूमि धारकों को अपने भूखंडों की सटीक जानकारी के लिए डिजिटल मानचित्र और अन्य दस्तावेजों की सुविधा दी जा रही है। सरकार स्वामित्व संबंधी विवादों को कम करने और भूमि रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने के लिए प्रयासरत है।