Bihar Land registry:नीतीश सरकार ने जमीन रजिस्ट्री–म्यूटेशन प्रक्रिया पर जारी किया नया निर्देश , सरकार का अधिकारियों को सख़्त फरमान, लापरवाही पर नपेंगे, नौकरशाही की लेत-लताड़ पर लगाम

Bihar Land registry: बिहार सरकार ने जमीन से जुड़े कामों में होने वाली देरी, दलाली और दफ्तरों के चक्कर से आम लोगों को निजात दिलाने के लिए अब कमर कस ली है।...

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नीतीश सरकार ने जमीन रजिस्ट्री–म्यूटेशन प्रक्रिया पर जारी किया नया निर्देश- फोटो : social Media

Bihar Land registry: बिहार सरकार ने जमीन से जुड़े कामों में होने वाली देरी, दलाली और दफ्तरों के चक्कर से आम लोगों को निजात दिलाने के लिए अब कमर कस ली है। डिप्टी सीएम एवं राजस्व व भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय समीक्षा बैठक में साफ लफ्ज़ों में कहा कि दाखिल-खारिज अब तय वक़्त में ही पूरा होगा, वरना ज़िम्मेदार अफसरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई तय है। सिन्हा ने जनता से अपील करते हुए कहा कि रजिस्ट्री के 90 दिनों के भीतर आवेदन जरूर करें, ताकि पूरा प्रोसेस सुचारू, पारदर्शी और जवाबदेह बन सके। उनका कहना था कि अब लोगों को थाने–कचहरी जैसे पुराने चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, क्योंकि सरकार ने जमीन के कामों को आसान बनाने की ठान ली है।

बैठक में ई-मापी से जुड़े सिस्टम पर बड़ा फ़ैसला लेते हुए मंत्री ने बताया कि अब मानक फ़ॉर्मेट (स्टैंडर्ड परफ़ॉर्मा) को अनिवार्य किया जा रहा है। इससे रिपोर्टिंग से लेकर दस्तावेज़ीकरण तक में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। ज़मीन के डिजिटल सर्वे और रिकॉर्ड अपडेट करने में यह निर्णय मील का पत्थर साबित हो सकता है।

राज्य के विभिन्न जिलों में लगने वाले ऐतिहासिक मेलों पर भी चर्चा हुई। सिन्हा ने कहा कि कई मेले बिहार की सांस्कृतिक विरासत, लोकपरंपरा और राजस्व व्यवस्था से गहरे जुड़े हैं, इसलिए अब जिलों से इन मेलों की उपयोगिता, इतिहास और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी। सरकार का मक़सद इन मेलों को सिर्फ संरक्षित करना नहीं, बल्कि उन्हें जनहित और राजस्व—दोनों के लिहाज़ से मज़बूत बनाना है।

सिन्हा ने विभागीय अधिकारियों को दो-टूक चेतावनी दी कि जनता की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई हो, किसी भी तरह की ढिलाई या लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार की इस नई व्यवस्था से न सिर्फ दाखिल-खारिज, ई-मापी और रजिस्ट्री की प्रक्रिया तेज़ होगी, बल्कि पूरी प्रणाली में विश्वसनीयता, पारदर्शिता और आधुनिकता आएगी। जनता को राहत मिलेगी और बिहार की भूमि-व्यवस्था एक नई दिशा में कदम बढ़ाएगी।