Chandan Mishra: कल मारुंगा...कुख्यात चंदन मिश्रा ऐलान कर करता था मर्डर, पैरोल के आखिरी दिन पारस हॉस्पिटल में हुई हत्या, जानिए गैंगस्टार की अब तक की पूरी कहानी
Chandan Mishra: कल मारुंगा....गैंगस्टार चंदन मिश्रा पहले ऐलान करता था और फिर मर्डर लेकिन पैरोल के आखिरी दिन ही उसकी हत्या कर दी गई...आज वापस उसे बेऊर जेल जाना था...

Chandan Mishra: कुख्यात गैंगस्टार चंदन मिश्रा की हत्या बीते दिन पारस अस्पताल में कर दी गई। चंदन मिश्रा की हत्या फिल्मी अंदाज में की गई। बताया जा रहा है कि चंदन मिश्रा पैरोल पर 15 दिनों के लिए बाहर आया था और आज यानी 18 जुलाई को उसे वापस बेऊर जेल जाना था। लेकिन जेल जाने से एक दिन पहले और पेरौल के आखिरी दिन चंदन मिश्रा की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। आइए चंदन मिश्रा के बारे में जानते हैं। चंदन मिश्रा बक्सर का कुख्यात अपराधी था। वो पहले हत्या का ऐलान करता था फिर हत्या करता था।
दिनदहाड़े हत्या से हड़कंप
दरअसल, पटना के पॉश इलाके स्थित पारस एचएमआरआई अस्पताल में गुरुवार को दिनदहाड़े हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की गई। वह कोई आम अपराधी नहीं बल्कि बक्सर का कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वह 10 से अधिक हत्याओं का आरोपी था और मर्डर करने से पहले ऐलान करने के लिए बदनाम था।
ऐलान कर करता था मर्डर
चंदन मिश्रा के आपराधिक इतिहास की बात करें तो वह 2011 में बक्सर के चर्चित चूना व्यवसायी राजेंद्र केसरी की हत्या के लिए पहली बार सुर्खियों में आया था। उसने दिनदहाड़े व्यवसायी को गोली मार दी थी। वो भी इस ऐलान के साथ कि "कल मारूंगा"। इस हत्या के बाद वह फरार हो गया था। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए 50 हजार का इनाम रखा और अंततः कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। वह बक्सर, फिर भागलपुर और आखिर में पटना के बेऊर जेल में बंद था। 2 जुलाई को उसे इलाज के लिए पेरोल पर रिहा किया गया था और 18 जुलाई को उसकी पैरोल समाप्त हो रही थी। लेकिन एक दिन पहले ही उसकी हत्या कर दी गई।
अस्पताल में चल रहा था इलाज
चंदन मिश्रा को बवासीर की सर्जरी के लिए पारस अस्पताल में भर्ती किया गया था। गुरुवार को अस्पताल में घुसकर हमलावरों ने उसे गोली मार दी। चंदन की मौके पर ही मौत हो गई। अब इस हत्या को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इतनी सुरक्षा के बीच एक गैंगस्टर की अस्पताल में हत्या कैसे हो गई?
शेरू गैंग पर शक
पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार, इस हत्या के पीछे गैंगवार की कहानी छिपी है। चंदन मिश्रा के पुराने साथी शेरू सिंह पर हत्या की आशंका जताई जा रही है। दोनों कभी साथ में काम करते थे और कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया लेकिन बाद में पैसे और वर्चस्व के चलते दोनों अलग हो गए। शेरू ने अपना गैंग बना लिया और आरा के तनिष्क लूट कांड में उसका नाम भी सामने आया। 2011 में चंदन और शेरू दोनों को राजेंद्र केसरी मर्डर केस में दोषी ठहराया गया था। पटना हाईकोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा दी थी, जबकि निचली अदालत ने शेरू को पहले फांसी की सजा सुनाई थी जिसे बाद में बदल दिया गया।
क्या मुखबिरी बना मौत की वजह?
सूत्रों के मुताबिक, शेरू को शक था कि चंदन मिश्रा पुलिस के लिए उसके गैंग के खिलाफ मुखबिरी कर रहा है। इसी वजह से उसे पैरोल दिलाने में प्रशासन की मदद मिली और शेरू को यकीन हो गया कि चंदन अब उसके लिए खतरा बन चुका है। इस आशंका ने ही शायद उसकी हत्या की पटकथा लिखी।
12 साल से जेल में था बंद
चंदन मिश्रा पिछले 12 वर्षों से जेल में बंद था और बिहार की तीन अलग-अलग जेलों बक्सर, भागलपुर और बेऊर में सजा काट चुका था। उसका आपराधिक रिकॉर्ड हत्या, लूट, रंगदारी और अपहरण जैसे गंभीर मामलों से भरा हुआ है। इस हाई-प्रोफाइल हत्या ने पटना पुलिस और जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि जेल से बाहर आए एक खतरनाक अपराधी की सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था की गई थी? और अगर थी, तो वह हत्या रोकने में विफल क्यों रही?