Bihar News: प्ले स्टोर का यह ऐप अपराधियों को दे रहा संरक्षण ! कुख्यात भरत सिंह इसी के इस्तेमाल से पुलिस को दे रहा था गच्चा, जानिए क्या है 'जंगी एप'
Bihar News: प्ले स्टोर पर एक ऐसा ऐप है जिसके इस्तेमाल से अपराधी खुद को पुलिस से बचा रहे हैं। कुख्यात भरत भी इसी ऐप के इस्तेमाल से अब तक पुलिस से बच रहा था।

Bihar News: प्ले स्टोर का एक ऐप अपराधियों को संरक्षण दे रहा है। अपराधी इसके इस्तेमाल से पुलिस से आसानी से बच जाते हैं। इसी ऐप के इस्तेमाल से नौबतपुर का कुख्यात अपराधी भरत सिंह पुलिस को गच्चा देकर बच रहा था। इस ऐप का नाम जंगी ऐप है। भरत जंगी ऐप से गिरोह से बात करता था इसलिए वो पुलिस की गिरफ्त से दूर था।
नौबतपुर में दर्ज हुआ एक और FIR
दरअसल, दो लाख के इनामी कुख्यात अपराधी भरत सिंह उर्फ चंद्रशेखर और उसके तीन साथियों के खिलाफ नौबतपुर में एक और एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने उसे दोहरे हत्याकांड में गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन अब नई एफआईआर में उसे रिमांड पर लिया जाएगा। भरत सिंह और उसके गिरोह के सदस्यों पर पुलिस पर हमला करने, गोलीबारी करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने भरत के अलावा उसके दो सहोदर भाई, शेखपुरा के रोहित और सूरज, तथा नालंदा के शिवम को भी गिरफ्तार किया है।
एक महीने से था सक्रिय पुलिस को फिर भी नहीं मिल रही थी लोकेशन
पुलिस के अनुसार, भरत और रोहित बीते एक साल से दो सहोदर भाइयों की हत्या के मामले में फरार चल रहे थे। अपराधियों ने अपनी लोकेशन छिपाने के लिए 'जंगी' नामक मैसेंजर एप का इस्तेमाल किया था, जिससे पुलिस को उनका ट्रैकिंग करना मुश्किल हो रहा था। बीते एक महीने से भरत इलाके में सक्रिय था, लेकिन पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल रही थी। आखिरकार, गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने 23 मार्च की रात शेखपुरा बघार में छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान भरत और उसके साथियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर सभी को गिरफ्तार कर लिया।
भरत को पहले ही मिल गई थी पुलिस के आने की खबर
पुलिस जांच में पता चला कि 19 वर्षीय सूरज राम, जो रोहित का छोटा भाई है, भरत के लिए मुखबिरी कर रहा था। जैसे ही पुलिस शेखपुरा गांव में पहुंची, सूरज ने भरत को फोन कर इसकी जानकारी दी। संदेह होने पर पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह भागने लगा। पीछा कर उसे गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में उसने भरत को सूचना देने की बात स्वीकार कर ली। उसके मोबाइल की जांच करने पर उसमें 'जंगी' एप इंस्टॉल मिला। पूछताछ के बाद सूरज ने पुलिस को शेखपुरा बघार में भरत के ठिकाने तक पहुंचाया, जहां मुठभेड़ के बाद पुलिस ने सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है 'जंगी' एप, जिससे बच रहे थे अपराधी?
साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक, 'जंगी' एक विशेष मैसेंजर एप है, जिसे प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। इसका कोई सर्वर नहीं होता, और यह यूजर को 10 अंकों का एक यूनिक नंबर प्रदान करता है। इस एप के जरिए की गई बातचीत का डेटा केवल यूजर के मोबाइल में स्टोर होता है और एक बार डिलीट करने के बाद उसे रिकवर नहीं किया जा सकता। जब कोई इस एप के जरिए कॉल करता है, तो रिसीवर के फोन पर कोई मोबाइल नंबर नहीं दिखता, बल्कि एक यूनिक 10 अंकों का कोड नजर आता है। यही कारण है कि पुलिस इसकी लोकेशन ट्रैक नहीं कर पाती और अपराधी इसका दुरुपयोग कर रहे थे। फिलहाल, पुलिस इस एप के तकनीकी पहलुओं की जांच कर रही है और गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ जारी है।