Bihar News: वायरल वीडियो कांड, न नेता बचे, न नैतिकता! भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आपत्तिजनक अवस्था में रंगे हाथों पकड़े गए, अब सब जिम्मेदारी से झाड़ रहे पल्ला
Bihar News: भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष सत्य नारायण शर्मा का एक नहीं, तीन-तीन वीडियो वायरल हो चुका है — और सभी में वो किसी राजनीतिक बैठक में नहीं, बल्कि "प्राइवेट मीटिंग" में हैं, वो भी बेहद आपत्तिजनक हालात में।...

Bihar News: जब इंदौर हाईवे कांड की गर्मी ठंडी भी नहीं पड़ी थी, तब तक बिहार के सुपौल से सियासी शर्मिंदगी की एक और चटपटी डोज सामने आ गई। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष सत्य नारायण शर्मा का एक नहीं, तीन-तीन वीडियो वायरल हो चुका है — और सभी में वो किसी राजनीतिक बैठक में नहीं, बल्कि "प्राइवेट मीटिंग" में हैं, वो भी बेहद आपत्तिजनक हालात में।
घटना सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र की है, और वीडियो में साहब महिला के साथ कमरे में, और फिर वीडियो कैमरे के सामने, दोनों ही जगह बुरी तरह फंसे दिख रहे हैं। ऊपर से icing on the cake ये कि वीडियो में महिला और नेता जी लोगों को पुलिस बुलाने की धमकी भी देते दिखते हैं — शायद इस उम्मीद में कि डर के मारे लोग वीडियो बनाना छोड़ देंगे।News4Nation वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
पर अफसोस! कैमरे चल रहे थे, और इंटरनेट रुकने वाला नहीं था।
ग्रामीणों का दावा है कि नेता जी का महिला से संबंध नई बात नहीं है। अक्सर देर रात महिला के घर आते-जाते देखे जाते थे — समझाने की बहुत कोशिश की गई, पर नेतागिरी का गुरूर शायद ज़मीन की सच्चाई से बड़ा निकला।अंत में "जनता जनार्दन" ने अपने अंदाज़ में कार्रवाई की — वीडियो बना डाला और सोशल मीडिया को सौंप दिया।
अब शुरू हुई 'सियासी साफ-सफाई' की रस्म
भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र ऋषिदेव ने सत्य नारायण को पहचानने से इनकार कर दिया। बोले, “वो तो अब पार्टी में है ही नहीं, राजद समर्थक हो गए हैं! इधर राजद विधायक चंद्रहास चौपाल ने पलटवार करते हुए कहा, “सत्य नारायण आज भी भाजपा के ही हैं, हमसे कोई लेना-देना नहीं। यानि अब नेता खुद को पार्टी से बाहर बताने में होड़ लगाए बैठे हैं, जैसे कोई जली रोटी हो और सब थाली से निकालकर दूसरों की प्लेट में डालने पर तुले हों।जिस राजनीतिक ‘संस्कार’ की बात करते हैं नेता, वही अब बेडरूम के पर्दों में उलझ कर सोशल मीडिया पर आ गया है! यहां ना नेता टिकता है, ना नैतिकता… और बचती है सिर्फ ‘वायरलियत’।अब देखना ये है कि कौन इस "वीडियो बम" से खुद को बचा लेता है और कौन इसके मलबे में दब जाता है। फिलहाल जनता की अदालत में फैसला आ चुका है — 'क्लिप साफ है, चरित्र धुंधला!'