Bihar Teacher News:शिक्षा विभाग के भी उड़े होश!एक ही सर्टिफिकेट पर दो मनोरमा ने पाई सरकारी नौकरी,गजब कारनामा, हो गया बड़ा एक्शन

Bihar Teacher News: बाढ़ से लेकर झारखंड के बोकारो तक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े की दास्तान ने सबको हिला कर रख दिया है।

Education Dept Stunned 2 Manoramas Got Govt Jobs on 1 Certif
एक ही सर्टिफिकेट पर दो मनोरमा ने पाई सरकारी नौकरी- फोटो : social Media

Bihar Teacher News:बिहार के बाढ़ से लेकर झारखंड के बोकारो तक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े की दास्तान ने सबको हिला कर रख दिया है। मामला किसी छोटे-मोटे गड़बड़ी का नहीं, बल्कि सीधे शिक्षा व्यवस्था के सीने पर अपराध का खंजर है। एक ही प्रमाणपत्र पर दो-दो महिलाओं ने शिक्षिका की नौकरी हड़प ली एक असली, दूसरी नकली।

बोकारो ज़िले के चास की रहने वाली असली मनोरमा 2005 से उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिंहडीह में सहायक शिक्षिका के पद पर तैनात हैं। मगर सिवान निवासी एक महिला ने उन्हीं के नाम पर कमला कन्या मध्य विद्यालय, बाढ़ में 15 वर्षों तक फर्जी शिक्षिका बनकर तंख़्वाह हज़म की। इस दौरान न विभाग ने आँख खोली, न ही किसी को भनक लगी।

फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब असली मनोरमा ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, चास कोर्ट शाखा में मकान बनाने के लिए लोन का आवेदन दिया। बैंक जांच में सामने आया कि उनके नाम से बाढ़ शाखा में पहले ही सात लाख का लोन चल रहा है। यही से सच का परदा फट गया।

जब मामले की पड़ताल हुई तो सामने आया कि बाढ़ की मनोरमा दरअसल फर्जी कागज़ों पर नौकरी कर रही थी। बैंक घोटाले का मामला दर्ज होने पर बाढ़ नगर परिषद अंतर्गत विद्यालय की फर्जी शिक्षिका मनोरमा, पति संजय कुमार पाठक समेत, घर छोड़कर फरार हो गई। बताया गया कि वह तीज व्रत मनाने सिवान गई और वहीं से लापता हो गई।

झारखंड की असली मनोरमा ने बोकारो चास थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद थानाध्यक्ष ने त्वरित ईमेल कर बाढ़ थाना पुलिस को जांच का आदेश दिया। बाढ़ पुलिस ने विद्यालय जाकर पुष्टि की कि महिला 2010 से फर्जी नियुक्ति पर पढ़ा रही थी।

असली मनोरमा ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बैंक मैनेजर और विद्यालय के प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। उनका आरोप है कि उनके प्रमाणपत्र का घोर दुरुपयोग हुआ और विभाग की नाक तले वर्षों तक घोटाला चलता रहा।

बाढ़ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुजीत कुमार सोनू का कहना है कि जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, झारखंड की मनोरमा ने साफ़ कहा कि उनके पिता बोकारो में नौकरी करते थे, वहीं उनकी पढ़ाई हुई और 2005 में उन्होंने विधिवत शिक्षिका की नौकरी पाई थी।