Patna High Court News : पटना हाईकोर्ट ने हत्या के आरोपी तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी और कांस्टेबल के गिरफ्तार नहीं होने पर जताई नाराजगी, डीजीपी से मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट

Patna High Court News : पटना हाई कोर्ट ने सासाराम के तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी और उसके कांस्टेबल की गिरफ्तारी नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. इस मामले को लेकर डीजीपी से एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गयी है...पढ़िए आगे

Patna High Court News : पटना हाईकोर्ट ने हत्या के आरोपी तत्क
डीजीपी से मांगी रिपोर्ट - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने हत्या के आरोपी एक पुलिस  डीएसपी और उसके कांस्टेबल की गिरफ्तारी नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। जस्टिस संदीप कुमार ने याचिकाकर्ता राणा राहुल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते बिहार के डीजीपी को एक सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। घटना सासाराम की है,जहाँ एक डीएसपी और कांस्टेबल ने अपने सर्विस रिववॉल्वर से निर्दोष युवकों पर गोली चला कर एक की जान ले ली,जबकि चर युवकों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।अब तक इन पुलिस वालों की गिरफ्तारी नही हुई है। जस्टिस संदीप कुमार ने राणा राहुल सिंह की अपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश  दिया।

 कोर्ट ने मामले की गंभीरता पर नाराजगी जताते हुए  पूछा की इस देश में कानून सब के लिए एक है या  अलग अलग ? देश के कौन से कानून में लिखा है कि हत्या जैसे जघन्य अपराध के आरोपी यदि पुलिस अफसर होंगे तो उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी ? ये मामला रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित टाउन थाना का है। 27 दिसंबर, 2024 की रात को  सुधीर , अतुल , विकास , अनिकेत  विनोद और राणा ओम प्रकाश अपने दोस्त शिवम सिंह की जन्मदिन पार्टी मना रहे थे । करीब रात्रि 9 बजे सासाराम के तत्कालीन ट्रैफिक डी एसपी आदिल बिलाल और उसके बॉडीगार्ड चंद्रमौली नागिया आकर इन युवकों के साथ बकझक करने लगे। 

बात बात में अचानक आदिल और उसके सुरक्षा गार्ड ने अपने सर्विस रिवॉल्वर से अधाधुंध फायरिंग करने लगे । इसमें चार युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गये और एक युवक पुलिस की गोलियों से मर गया। याचिकाकर्ता के वकील संजय कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि उक्त हत्याकांड भरे पब्लिक के बीच में हुई थी। अगले दिन टाउन थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई। लेकिन ये कहा गया कि  पुलिस सही ढंग  और निष्पक्षता से अनुसंधान नहीं कर रही है ।  इस  घटना के चार महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस हाथ धरे बैठी है।अपने विभाग के अफसर को बचाने के लिए मामले की लीपापोती हेतु राज्य सरकार ने इसे अपराध अनुसंधान  विभाग ( सीआईडी) को सौंपा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 5 मई,2025 को होगी ।

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