Bihar Politics:जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का लालू यादव पर तीखा हमला, कर्पूरी ठाकुर के अपमान और EBC के साथ अन्याय का ‘गुनाहनामा’ उजागर!

Bihar Politics: जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को एक खुला पत्र लिखकर उन पर और उनके परिवार पर बिहार के अति पिछड़ा वर्ग के साथ ऐतिहासिक अन्याय करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

JDU spokesperson Neeraj Kumar
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का लालू यादव पर तीखा हमला- फोटो : Reporter

Bihar Politics: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को एक खुला पत्र लिखकर उन पर और उनके परिवार पर बिहार के अति पिछड़ा वर्ग  के साथ ऐतिहासिक अन्याय करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। पत्र में नीरज ने लालू के शासनकाल (1990-2005) को ‘जालिम राज’ करार देते हुए जननायक कर्पूरी ठाकुर के अपमान और 118 नरसंहारों सहित कई गंभीर मुद्दों को उठाया है। नीरज ने इस पत्र को ‘गुनाहनामा’ नाम दिया, जिसमें लालू के शासन को EBC और सामाजिक न्याय के लिए विनाशकारी बताया गया है। यह पत्र बिहार की सियासत में नया तूफान ला सकता है।

लालू पर लगाए गए प्रमुख आरोप

नीरज कुमार ने अपने पत्र में लालू यादव पर सामाजिक न्याय की आड़ में EBC समुदाय के साथ भेदभाव और शोषण का आरोप लगाया। 

कर्पूरी ठाकुर का अपमान

नीरज ने दावा किया कि लालू यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर, जो EBC समुदाय के प्रतीक और सामाजिक न्याय के पुरोधा थे, का बार-बार अपमान किया। पत्र में कहा गया कि लालू ने कर्पूरी ठाकुर को सत्ता से हटाकर उनकी विचारधारा को कुचलने की कोशिश की।  पत्र में विशिष्ट साक्ष्यों का उल्लेख किया गया है, जैसे लालू द्वारा कर्पूरी ठाकुर की नीतियों को नजरअंदाज करना और उनकी विरासत को कमजोर करना। उदाहरण के तौर पर, 24 जनवरी 2024 को कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर RJD की चुप्पी को अपमान के रूप में देखा गया।नीरज ने लालू पर कर्पूरी ठाकुर के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि लालू ने 1977 में कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री पद से हटाकर सत्ता हथियाने की कोशिश की थी। यह मुद्दा पहले भी बिहार की सियासत में गूंज चुका है। 25 जनवरी 2025 को बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी लालू पर यही आरोप लगाया था, जिसके जवाब में तेजस्वी ने कहा था कि कर्पूरी ठाकुर का सिर उनकी मृत्यु के समय लालू की गोद में था।  नीरज ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि लालू ने कर्पूरी ठाकुर की सामाजिक न्याय की विचारधारा को कुचलने की कोशिश की और उनकी विरासत को अपमानित किया।

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EBC को मंत्रिमंडल और प्रशासन में नगण्य हिस्सेदारी

लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन (1990-2005) में EBC समुदाय को मंत्रिमंडल, बोर्ड, निगम, और आयोगों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। पत्र के अनुसार, इस दौरान 272 मंत्रियों में केवल 18 (6.6%) EBC समुदाय से थे। नीरज ने इसे लालू के ‘फर्जी सामाजिक न्याय’ मॉडल का सबूत बताया।RJD शासनकाल में  पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के लिए अलग से कोई विभाग नहीं था, जो EBC समुदाय की उपेक्षा को दर्शाता है। नीरज ने इसे सामाजिक न्याय के दावों के खिलाफ एक ठोस सबूत बताया।नीरज कुमार लालू के शासन में पंचायतों और अन्य एकल पदों पर EBC के लिए कोई आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं की गई, जिससे इस समुदाय को उनका हक नहीं मिला।

जातिगत जनगणना में हस्तक्षेप न करना

पत्र में आरोप लगाया गया कि लालू ने, जो केंद्र में किंगमेकर और राज्य में सत्ताधारी थे, जातिगत जनगणना या जाति सर्वे के लिए कोई प्रयास नहीं किया। नीरज ने इसका कारण चारा घोटाला में फंसने को बताया, जिसने लालू की प्राथमिकताओं को परिवार और भ्रष्टाचार तक सीमित कर दिया।

महिलाओं और EBC बेटियों का अपमान

लालू के शासनकाल में EBC समुदाय की महिलाओं और बेटियों को शिक्षा और सम्मान से वंचित रखा गया। नीरज ने दावा किया कि लालू ने जानबूझकर EBC बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहन नहीं दिया, क्योंकि शिक्षित होने पर वे अपने हक की मांग करतीं।

118 नरसंहारों का जिम्मेदार

पत्र में लालू-राबड़ी शासन को 118 नरसंहारों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया, जिनमें मुख्य रूप से EBC और दलित समुदाय के लोग मारे गए। नीरज ने इसे ‘मालटेन युग’ करार देते हुए कहा कि इन नरसंहारों ने EBC समुदाय को सामाजिक और राजनीतिक रूप से कमजोर किया।

तेजस्वी और RJD पर निशाना

नीरज कुमार ने पत्र में लालू के बेटे और RJD नेता तेजस्वी यादव को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि लालू ने अपनी चार्जशीटेड संतान (तेजस्वी) को राजनीति सौंप दी है, और ‘गुनाह का वैताल’ भी उनके माथे पर रहेगा। इसके अलावा, नीरज ने RJD पर तेज प्रताप यादव को झारखंड चुनाव से दूर रखने और आदिवासियों को टिकट न देने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने लालू की वंशवादी और भ्रष्ट नीति का हिस्सा बताया।

बिहार की सियासत में हलचल: पत्र का प्रभाव

नीरज कुमार का यह पत्र बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक बड़ा सियासी हथियार बन सकता है। नवंबर 2025 में होने वाले इस चुनाव में NDA ने 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, और नीरज का पत्र RJD और लालू परिवार को EBC वोट बैंक से दूर करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। EBC समुदाय, जो बिहार की आबादी का लगभग 36% है, चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है।

RJD का जवाब: अभी तक चुप्पी

RJD की ओर से इस पत्र पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, 18 मई 2024 को RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने नीरज के एक अन्य बयान का जवाब देते हुए कहा था कि जेडीयू तेजस्वी की बढ़ती लोकप्रियता से बौखलाया हुआ है। संभावना है कि RJD इस पत्र को राजनीतिक प्रतिशोध और EBC वोटों को बांटने की साजिश करार देगा।

सियासी जंग का नया अध्याय

नीरज कुमार का यह पत्र बिहार की सियासत में लालू परिवार और RJD के खिलाफ जेडीयू की आक्रामक रणनीति का हिस्सा है। कर्पूरी ठाकुर के अपमान, EBC के साथ अन्याय, और 118 नरसंहारों जैसे गंभीर आरोपों ने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है। यह पत्र न केवल RJD को घेरने की कोशिश है, बल्कि EBC वोटरों को NDA के पक्ष में लामबंद करने का भी प्रयास है। आने वाले दिनों में RJD की प्रतिक्रिया और इस पत्र के सियासी प्रभाव पर सबकी नजर रहेगी। क्या लालू और तेजस्वी इन आरोपों का जवाब दे पाएंगे, या यह ‘गुनाहनामा’ बिहार चुनाव में RJD के लिए नया संकट खड़ा करेगा? यह सवाल बिहार की सियासत को और रोमांचक बनाने वाला है।

रिपोर्ट- नरोत्तम कुमार