Bihar Police:बड़े साहब की भी नहीं सुनता थानेदार ,महिला ने बताए नाम, FIR में दर्ज किए गए दूसरे लोग, बिहार में पुलिस कार्यशैली पर सवाल

Bihar Police: मोतिहारी के पहाड़पुर थाना क्षेत्र में एक महिला की शिकायत पर पुलिस की कार्रवाई ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 पहाड़पुर थाना
थानेदार की दबंगई- फोटो : meta

Bihar Police: मोतिहारी के पहाड़पुर थाना क्षेत्र में एक महिला की शिकायत पर पुलिस की कार्रवाई ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरैया बरवा गांव की निवासी प्रभावती कुंवर ने भूमाफियाओं द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कब्जा और मारपीट की शिकायत पहाड़पुर थाने में दर्ज की थी। लेकिन, थाना प्रभारी (SHO) ने शिकायत में नामजद आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की और बेगुनाह लोगों पर केस ठोक दिया। जब महिला ने इस गलती की शिकायत की, तो SHO ने कोई जवाब नहीं दिया। मामला जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय तक पहुंचा, जहां SHO को ₹5000 के जुर्माने की अनुशंसा की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि SP और कोर्ट के निर्देशों को भी SHO ने नजरअंदाज कर दिया। इस मामले में अब अनुशासनिक कार्रवाई के लिए SP और DIG को पत्र भेजा गया है।

भूमाफियाओं का आतंक, पुलिस की मनमानी

प्रभावती कुंवर ने अपनी शिकायत में बताया कि भूमाफियाओं ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया। जब उन्होंने और उनके परिवार ने इसका विरोध किया, तो उनके साथ मारपीट की गई। इस घटना को लेकर प्रभावती ने पहाड़पुर थाने में आवेदन देकर अवैध कब्जे और मारपीट का केस दर्ज करने की मांग की। आवेदन में उन्होंने उन भूमाफियाओं के नाम स्पष्ट रूप से दिए, जिन्होंने यह अपराध किया। लेकिन, पहाड़पुर थाने के SHO ने न केवल नामजद आरोपियों को बचाया, बल्कि उन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर दी, जिनका इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं था।

FIR की कॉपी लेने पर प्रभावती को इस गलती का पता चला। जब उन्होंने थाने में इसकी शिकायत की, तो SHO और अन्य पुलिसकर्मियों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। प्रभावती ने हार नहीं मानी और जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय, मोतिहारी में इस मामले को उठाया।

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SHO की लापरवाही उजागर

जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में सुनवाई के दौरान SHO की लापरवाही और अनुशासनहीनता स्पष्ट हो गई। कार्यालय ने SHO को कई बार नोटिस भेजा, लेकिन वे न तो सुनवाई में उपस्थित हुए और न ही अपना पक्ष रखा। इसके बाद समन भी जारी किया गया, जिसका भी कोई असर नहीं हुआ। मोतिहारी SP ने SHO को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए पत्र लिखा, लेकिन SHO ने SP के निर्देशों को भी नजरअंदाज कर दिया। 

लोक शिकायत निवारण कार्यालय ने SHO की इस मनमानी को गंभीर लापरवाही मानते हुए ₹5000 के जुर्माने की अनुशंसा की। साथ ही, अनुशासनिक कार्रवाई के लिए मोतिहारी SP और DIG (चंपारण रेंज) को पत्र भेजा गया है। कार्यालय ने प्रभावती की शिकायत को सही पाया और गलत FIR को सुधारने के लिए उचित कार्रवाई की मांग की।

मोतिहारी के पहाड़पुर थाने में प्रभावती कुंवर के साथ हुई नाइंसाफी बिहार में पुलिस सुधार की तत्काल जरूरत को उजागर करती है। गलत FIR, SHO की मनमानी, और भूमाफियाओं का दबदबा आम लोगों के लिए बड़ी चुनौती है। बहरहाल SP के निर्देशों का पालन क्यों नहीं हुआ? SHO की अनुशासनहीनता से पुलिस विभाग की कमान पर सवाल उठ रहे हैं।क्या भूमाफियाओं के साथ उनकी सांठगांठ थी, या यह जानबूझकर प्रभावती को परेशान करने की साजिश थी? ये सनाल उठने बेमानी नहीं है।