Patna Metro: रेलवे से महंगी होगी पटना मेट्रो ! यात्रियों पर बढ़ेगा बोझ, विद्युत आयोग ने विशेष रियायत देने से किया इनकार

Patna Metro: आयोग ने कहा कि पुनर्विचार याचिका केवल टंकण भूल या तथ्यात्मक त्रुटि के मामलों में स्वीकार की जा सकती है। चूंकि दर निर्धारण में ऐसी कोई गलती नहीं हुई है, इसलिए पहले तय दरें ही मान्य रहेंगी।

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पटना मेट्रो को लगा बड़ा झटका!- फोटो : social media

Patna Metro: पटना मेट्रो को बड़ा झटका लगा है। मेट्रो को सस्ती बिजली नहीं मिलेगी। जिससे किराया मंहगा होगा। जानकारी अनुसार पटना मेट्रो को सस्ती दर पर बिजली देने की मांग पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग (BERC) ने बड़ा फैसला सुनाया है। आयोग ने पटना मेट्रो की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है और स्पष्ट किया है कि पूर्व में तय की गई बिजली दरें ही लागू रहेंगी।

आयोग ने मेट्रो की दलील ठुकराई

पटना मेट्रो ने आयोग के समक्ष यह दलील दी थी कि मेट्रो का परिचालन 24 घंटे नहीं होगा, इसलिए रेलवे जैसी बिजली दरें लागू करना अनुचित है। लेकिन आयोग ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए कहा कि मेट्रो का संचालन औसतन 16 घंटे प्रतिदिन होता है और वह कम दूरी में भी रेलवे से अधिक किराया वसूलती है, इसलिए दरों में रियायत का कोई औचित्य नहीं बनता।

रेलवे की तर्ज पर पटना मेट्रो की दरें 

आयोग ने कहा कि पुनर्विचार याचिका केवल टंकण भूल या तथ्यात्मक त्रुटि के मामलों में स्वीकार की जा सकती है। चूंकि दर निर्धारण में ऐसी कोई गलती नहीं हुई है, इसलिए पहले तय दरें ही मान्य रहेंगी। रेलवे की तर्ज पर पटना मेट्रो के लिए जो दरें तय की गई थीं, वही जारी रहेंगी। मेट्रो को 540 रुपये प्रति केवीए फिक्स्ड चार्ज, 8.16 रुपये प्रति यूनिट बिजली दर देनी होगी।

टीओडी नियम भी रहेगा लागू

पटना मेट्रो पर टाइम ऑफ डे (TOD) व्यवस्था लागू होगी। यानी बिजली खपत के समय के आधार पर दरों में बदलाव होगा। सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक (ऑफ-पीक आवर)- इस अवधि में मेट्रो को केवल 80% बिजली शुल्क देना होगा। अगले तीन घंटे (नॉर्मल अवधि) में मेट्रो को 100% शुल्क देना होगा। पीक आवर (7 घंटे) में इस दौरान मेट्रो को 120% यानी सामान्य से 20% अधिक दर पर बिजली लेनी होगी।

स्टेशनों पर बिजली की खपत

प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, एलिवेटेड स्टेशनों पर बिजली खपत 200 किलोवाट रहेगी, जो आने वाले वर्षों में 300 किलोवाट तक बढ़ सकती है। भूमिगत स्टेशनों पर खपत 1500 किलोवाट से शुरू होकर 2000 किलोवाट तक पहुंचने का अनुमान है। इस फैसले के साथ आयोग ने साफ कर दिया है कि पटना मेट्रो को रेलवे की तरह ही दरों पर बिजली लेनी होगी, किसी प्रकार की छूट या रियायत नहीं दी जाएगी।