Patna News:सरकारी पैसा चुकता नहीं करने वाले 218 संस्थानों की संपत्ति जब्त की जाएगी। यह कार्रवाई उन संस्थानों के खिलाफ की जा रही है जो सरकार के विभिन्न विभागों, बैंकों, सहकारी बैंकों और अन्य एजेंसियों को बड़ी राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इस संदर्भ में, पटना जिले में अब तक 1226 संस्थानों के खिलाफ बॉडी वारंट जारी किए गए हैं और 218 संस्थानों की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया गया है।
इन धन की वसूली के लिए पहली बार 98 अधिकारियों को नीलाम पत्र की सुनवाई का अधिकार प्रदान किया गया है। पटना जिला प्रशासन के विभिन्न अधिकारी लगातार सुनवाई कर कार्रवाई कर रहे हैं। जिले में अब तक 33,905 नीलाम पत्रों की संख्या दर्ज की गई है, जिसमें 27,656 मामलों की ऑनलाइन प्रविष्टि की गई है। पटना जिले में सबसे पुराना मामला 45 वर्ष पूर्व का है, जब वर्ष 1978-1979 में अवधेश कुमार की फर्म ने 85680.26/- रुपये लिए थे, जो आज तक जमा नहीं किए गए हैं। ऐसे मामलों में बॉडी वारंट और डिस्ट्रेस वारंट जारी कर धन की वसूली के लिए कार्रवाई की जा रही है।
जिन संस्थानों ने सरकारी पैसे का भुगतान नहीं किया है, उनके खिलाफ बॉडी वारंट जारी किए गए हैं। बॉडी वारंट का मतलब है कि उन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जाएगा जो बकाया राशि जमा नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, डिस्ट्रेस वारंट के माध्यम से उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा ताकि बकाया राशि वसूल की जा सके।पटना जिले में सबसे पुराना मामला 45 साल पहले का है, जिसमें एक फर्म ने 85680.26/- रुपये लिए थे लेकिन आज तक जमा नहीं किए हैं। ऐसे मामलों में भी कार्रवाई की जा रही है।
सबसे बड़े बकायेदारों में बिहार राज्य सहकारिता बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शामिल हैं, जिन पर 7.19 करोड़ रुपये की राशि बकाया है।सबसे बड़े बकायेदार के रूप में अशोक राजपथ स्थित बिहार राज्य सहकारिता बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को चिह्नित किया गया है। इनके पास अभी भी 7.19 करोड़ रुपए की राशि बकाई है।जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि नीलाम पत्र वादों के निष्पादन की नियमित समीक्षा हो रही है और लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।