Patna highcourt - पटना में जलजमाव से हो रही समस्या को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर, उच्च न्यायालय ने कहा जिला प्रशासन और नगर निगम ने नहीं किया काम

Patna highcourt - पटना में बारिश के कारण हुए जलजमाव के कारण हो रही परेशानी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसमें कोर्ट ने जिला प्रशासन और नगर निगम से जवाब मांगा है।

Patna highcourt - पटना में जलजमाव से हो रही समस्या को लेकर ह

Patna - पटना के हर वर्ष बरसात के मौसम में भीषण जलजमाव और उससे होने वाली समस्याओं के मामलें पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। इस वर्ष भी पटना में भयंकर जलजमाव के मामलें में  डा. प्रभात चंद्रा व अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर किया गया है।

इस जनहित याचिका में ये कहा गया है कि प्रशासन और नगर निगम के हर साल दावा करने के बाद भी राजधानी पटना में भीषण जलजमाव और उससे होने वाली समस्याएं नागरिकों को झेलना होता है। 

याचिकाकर्ता डा. प्रभात चंद्रा एक डेंटिस्ट है।उनके क्लिनिक में  आये मरीजों की हालत इसलिए खराब हो गया कि जलजमाव के कारण  वे मरीजों को देखने नहीं जा सके। इस जनहित याचिका में ये कहा गया है कि प्रशासन को जलनिकासी की प्रभावी व्यवस्था करना चाहिए।जलजमाव से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर   प्रशासन व नगर निगम द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए।

2008 में   लगभग इसी समय पटना में  भीषण जलजमाव हो गया था।इस मामलें में अधिवक्ता श्याम किशोर शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर इस समस्या को पटना हाईकोर्ट के समक्ष रखा।

इस पर कोर्ट ने काफी सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासन और नगर निगम को ठोस और प्रभावी कार्रवाई करने का आदेश दिया। लेकिन उसके बाद हर साल जलजमाव और उससे होने वाली समस्याओं को आम लोगों झेलना पड़ा,लेकिन   लिए कोई सख्त और गंभीर प्रयास नही किया गया।

इस जनहित याचिका में राजेंद्रनगर, कंकड़बाग़,पाटलिपुत्र,आशिआना नगर,राजीवनगर आदि क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या काफी गंभीर है,लेकिन इसके लिए न तो राज्य सरकार और प्रशासन कोई ठोस योजना नहीं बनायीं गयी।

पटना के नागरिकों को इस जलजमाव की समस्या से स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं का उपलब्ध नहीं हो पाना, रोड़ की खराब हालत से घर से निकलना मुश्किल जैसी कई समस्याएं आती है।

इन सारी बातो और राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के पहले इन समस्याओं को प्राथमिकता को ध्यान में रखा जाना चाहिए।कल 30जुलाई, 2025, इस मामलें पर सुनवाई की संभावना है।