लालू परिवार पर सियासी बवंडर, एकसाथ तीन मोर्चों पर घिरे तेजस्वी, RJD के भीतर से उठ रहे सवाल, तूफान की जड़ कौन?

Lalu Prasad Yadav: राजद चुनावी हार से उबर नहीं पाई थी और लैंड फॉर जॉब केस की कानूनी तलवार नेतृत्व पर लटक रही है, इस तरह का पारिवारिक विस्फोट आरजेडी के लिए डबल नहीं, ट्रिपल झटका साबित हो रहा है।

Political Storm Hits Lalu Yadav
लालू परिवार पर सियासी बवंडर- फोटो : Hiresh Kumar

Lalu Prasad Yadav: बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का परिवार राजनीति का केंद्र रहा है, लेकिन इस बार मामला महज सियासत का नहीं, बल्कि घर के भीतर उठे तूफान-ए-फसाद का है। रोहिणी आचार्य के यह आरोप कि उन्हें राबड़ी आवास से भगा दिया गया, चप्पल दिखाई गई, गंदी गालियां दी गईं ,ने न सिर्फ परिवार की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया है, बल्कि आरजेडी की राजनीतिक छवि को भी गहरे संकट में डाल दिया है। रोहिणी के बाहर निकलते ही तीनों बहनें भी राबड़ी आवास छोड़कर चली गईं। इस पूरे घटनाक्रम में लालू, राबड़ी और तेजस्वी की खामोशी ने परिवार के भीतर चल रहे तनाव को और भी उजागर कर दिया है।ऐसे समय में जब पार्टी चुनावी हार से उबर नहीं पाई थी और लैंड फॉर जॉब केस की कानूनी तलवार नेतृत्व पर लटक रही है, इस तरह का पारिवारिक विस्फोट आरजेडी के लिए डबल नहीं, ट्रिपल झटका साबित हो रहा है।

बिहार चुनाव 2025 में आरजेडी की करारी शिकस्त के बाद पार्टी सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई। तेजस्वी यादव, जिनके नाम पर कभी भावी मुख्यमंत्री का पोस्टर छपता था, अब पार्टी में कमजोर स्थिति में हैं। बहनों में तकरार, तेजप्रताप की नाराज़गी, मीसा और तेजस्वी के बीच पुरानी खटास और अब रोहिणी का विस्फोट ये सारे घटनाक्रम बताते हैं कि पार्टी की असल लड़ाई बाहर से ज़्यादा भीतर चल रही है।हार के जिम्मेदार कौन? इस सवाल पर परिवार और पार्टी दोनों में सियासी संग्राम छिड़ा है। कई उंगलियां तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव और आईटी सेल प्रभारी रमीज नेमत खान पर उठ रही हैं और रोहिणी ने भी इन्हीं नामों पर हमला बोला है। भाजपा इस मौके को आपदा में अवसर की तरह देख रही है। तेजप्रताप को अचानक मिली वाई सुरक्षा इसी सियासी शतरंज की चाल मानी जा रही है।

लालू परिवार के नौ बच्चों में से चार राजनीति में हैं मीसा, रोहिणी, तेजस्वी और तेजप्रताप और राजनीतिक जानकारों की मानें तो हर किसी के पास अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाओं का अलहदा एजेंडा है।तेजप्रताप पहले भी नाराजगी दिखाते रहे हैं। मीसा और तेजस्वी के बीच प्रचार को लेकर पुरानी अनबन जगजाहिर है। रोहिणी पहले भी बेटे के टिकट और अपनी राजनीतिक भूमिका को लेकर असंतोष जता चुकी थीं। अब यह विवाद सार्वजनिक मंच पर फट पड़ा है।सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी की पत्नी राजश्री भी टिकट और रणनीति में भूमिका निभा रही हैं जिससे तनाव और बढ़ा है। यही वजह है कि चर्चा अब यह तक पहुँच गई है कि क्या मामला संपत्ति के बंटवारे तक जाएगा? तो लैंड फॉर जॉब केस में लालू पहले ही चार्जशीटेड हैं और दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई जारी है। तेजस्वी पर खतरा सबसे गहरा है। अगर अदालत ने उन्हें दो साल या ज्यादा की सजा दी, तो उनकी विधायकी तुरंत जाएगी और चुनाव लड़ने पर भी रोक लगेगी। यह आरजेडी के भविष्य के लिए सीधे-सीधे सियासी सुनामी साबित होगा।

सियासी हार, घरेलू विस्फोट और कानूनी संकट तीनों मोर्चों ने लालू परिवार को घेर लिया है। रोहिणी का आरोप कोई साधारण पारिवारिक झगड़ा नहीं, बल्कि लंबे समय से भीतर दबे संघर्ष का नतीजा है। आने वाला समय तय करेगा कि यह झगड़ा कहाँ तक जाएगा सुलह, बंटवारा या और बड़ा विस्फोट।बहरहाल इतना तय है कि बिहार की राजनीति का अगला अध्याय बेहद हलचल भरा होने जा रहा है।