Bihar News: पटना में बिजली संकट ! 2005 के बाद पहली बार 18 घंटे अंधेरे में डूबे रहे लाखों लोग, निर्माण कंपनी को शोकॉज, होगी बड़ी कार्रवाई
Bihar News: राजधानी पटना के कुछ इलाकों में 2005 के बाद पहली बार 18 घंटे तक बिजली वाधित रही। भीषण गर्मी में लाखों लोग अधेरे में डूबे रहे। वहीं लोकल टीम इस परेशानी को हल नहीं कर पाया जिसके बाद नासिक से टीम बुलाई गई है। पढ़िए आगे...

Bihar News: राजधानी पटना के मीठापुर ग्रिड में बुधवार रात 10:30 बजे हुए विस्फोट के बाद हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। गैस चैंबर से हो रहा SF-6 गैस का लीकेज अब तक बंद नहीं हो पाया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन कर दिया है। साथ ही ग्रिड निर्माण करने वाली एजेंसी GAIS को शोकॉज नोटिस देने का निर्देश दिया गया है।
लोकल टीम नाकाम, अब नासिक से आएगी टेक्निकल टीम
घटना के बाद CGEL कंपनी की लोकल टीम को जांच के लिए बुलाया गया था लेकिन वे गड़बड़ी का स्रोत नहीं पकड़ सके। अब कंपनी की विशेष तकनीकी टीम नासिक से मीठापुर पहुंच रही है। जो ग्रिड के जीआईएस (गैस इंसुलेटेड सिस्टम) में हुए फॉल्ट की तकनीकी जांच करेगी।
इमरजेंसी बहाली प्रणाली से चालू हुई सप्लाई
गुरुवार को करीब 19 घंटे बाद शाम 5:30 बजे, बिजली कंपनी के इंजीनियरों ने इमरजेंसी रिस्टोरेशन सिस्टम के जरिए करबिगहिया और मीठापुर ग्रिड से क्रमशः 100 मेगावाट और 70 मेगावाट बिजली आपूर्ति बहाल की। हालांकि, बिजली आते ही अचानक भारी लोड (मोटर, एसी, पंप) के कारण सिस्टम बार-बार ट्रिप करने लगा। करीब एक घंटे बाद स्थिति सामान्य हुई।
10 लाख से ज्यादा लोग हुए प्रभावित
विस्फोट के बाद मीठापुर और करबिगहिया ग्रिड से जुड़े 14 पावर सबस्टेशनों की आपूर्ति बाधित हो गई। जिससे कंकड़बाग, राजेंद्रनगर, यारपुर, कदमकुआं, गांधी मैदान, करगिल चौक, खेमनीचक समेत पटना के मध्य और दक्षिणी इलाके पूरी तरह से अंधेरे में डूब गए। इससे करीब 10 लाख लोग भीषण गर्मी में परेशान रहे।
क्यों हुआ इतना बड़ा संकट?
दरअसल, 2023 में अत्याधुनिक GIS तकनीक पर आधारित मीठापुर ग्रिड बनाया गया था। इसमें SF-6 गैस चैंबर सिस्टम होता है। जो पावर सप्लाई को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। इसी चैंबर में हुए विस्फोट के कारण गैस लीक हुई और पूरे सिस्टम की सेंट्रलाइज सप्लाई व्यवस्था ठप हो गई।
2005 के बाद पहली बार इतनी लंबी बिजली कटौती
पटना में 2005 के बाद यह पहली बार था जब बिजली इतनी लंबी अवधि के लिए बंद रही। उस समय भी दीघा ग्रिड को सप्लाई देने वाली ट्रांसमिशन लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। अब एक बार फिर शहर को एक बड़े ग्रिड फेल्योर का सामना करना पड़ा है। इस मामले में ऊर्जा सचिव ने स्पष्ट किया है कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, मीठापुर ग्रिड की स्थिति पर नजर बनाए रखी गई है और स्थायी समाधान की दिशा में काम जारी है।
दोषियों पर होगी बड़ी कार्रवाई
ऊर्जा विभाग ने स्थिति की समीक्षा के बाद मीठापुर ग्रिड की क्षमता को 220/132/33 केवी में अपग्रेड करने की जरूरत बताई है। इसके अलावा मीठापुर और करबिगहिया ग्रिड की सप्लाई व्यवस्था को अलग-अलग करने और दीघा व बोर्ड कॉलोनी ग्रिड के ट्रांसमिशन सिस्टम को भी स्वतंत्र करने की सिफारिश की गई है ताकि भविष्य में इस तरह के फॉल्ट से पूरे शहर की बिजली आपूर्ति बाधित न हो।