प्रशांत किशोर ने मांगी माफ़ी ! बिहार चुनाव में हार के बाद राजनीति छोड़ने पर किया बड़ा ऐलान
उन्होंने कहा कि हमसे गलतियाँ हो सकती हैं, लेकिन हमने कोई अपराध नहीं किया है। हमने समाज में जाति-पाँत का ज़हर फैलाने का अपराध नहीं किया है।
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनावों में भारी हार के बाद पहली प्रतिक्रिया में, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने हार का सारा दोष अपने ऊपर लेते हुए राज्य की जनता से माफ़ी मांगी। अपनी पार्टी की बिहार चुनाव में भारी हार के लिए सारी ज़िम्मेदारी लेते हुए, जन सुराज पार्टी प्रमुख ने कहा कि वह सरकार बदलने में नाकाम रहे। उन्होंने एक दिन का मौन व्रत भी लिया। उन्होंने कहा कि हमने अपनी तरफ से बहुत सकारात्मक प्रयास किया। हम इस सरकार को बदलने में नाकाम रहे। हमने अपनी तरफ से बहुत कोशिश की, लेकिन लगता है हम कहीं न कहीं चूक गए। मैं सारा दोष अपने ऊपर लेता हूँ क्योंकि मैं लोगों को समझा नहीं पाया। हम आत्ममंथन करेंगे। मुझे खेद है।
किशोर ने कहा कि गहरा झटका मिला लेकिन हम गल्तियों को सुधारेंगे, मजबूत हो कर लौटेंगे, पीछे जाने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि जनता ने राजग को जनादेश दिया है, चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने के लिए काम करना मोदी, नीतीश की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मैं बिहार की जनता को यह समझाने में नाकाम रहा कि उन्हें किस आधार पर वोट देना चाहिए और नई व्यवस्था क्यों बनानी चाहिए। इसलिए, प्रायश्चित स्वरूप, मैं 20 नवंबर को गांधी भितिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन व्रत रखूँगा।
हमसे गलतियाँ हो
उन्होंने कहा कि हमसे गलतियाँ हो सकती हैं, लेकिन हमने कोई अपराध नहीं किया है। हमने समाज में जाति-पाँत का ज़हर फैलाने का अपराध नहीं किया है। हमने बिहार में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं की है। हमने धर्म के नाम पर लोगों को बाँटने का अपराध नहीं किया है। हमने बिहार की गरीब, भोली-भाली जनता को पैसे देकर उनके वोट खरीदने का अपराध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रयासों में, हमारी सोच में, और जिस तरह से हमने यह समझाया कि जनता ने हमें नहीं चुना, उसमें ज़रूर कोई न कोई चूक रही होगी। अगर जनता ने हम पर विश्वास नहीं दिखाया, तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी मेरी है। मैं इस बात की पूरी ज़िम्मेदारी शत-प्रतिशत अपने ऊपर लेता हूँ कि मैं बिहार की जनता का विश्वास नहीं जीत सका।
खाता भी नहीं खोल पाई
पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी), जिसे बिहार चुनाव में 'एक्स फैक्टर' कहा गया था, 238 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद 243 सदस्यीय विधानसभा में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। चुनाव आयोग के अनुसार, जेएसपी के ज़्यादातर उम्मीदवारों को कुल पड़े वोटों के 10 प्रतिशत से भी कम वोट मिले हैं और उनकी ज़मानत ज़ब्त हो गई है। पार्टी का सबसे अच्छा प्रदर्शन नवीन कुमार सिंह उर्फ अभय सिंह का रहा, जो मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र से दूसरे स्थान पर रहे। राजद के जितेंद्र कुमार राय ने यह सीट 27928 वोटों के अंतर से जीती।