Bihar Teacher News बिहार शिक्षक भर्ती को लेकर जन सुराज का दावा, 1.80 लाख बाहरी शिक्षकों की हुई नियुक्ति, जानें क्या करेगी नीतीश सरकार

बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर जन सुराज पार्टी का बड़ा दावा—1.80 लाख बाहरी शिक्षकों की नियुक्ति हुई। सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग। जानें पूरी खबर।

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Bihar Teacher News- फोटो : social media

Bihar Teacher News: एक तरफ से बिहार समेत पूरे देश में वक्फ बिल संशोधन को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है, लेकिन इसी बीच शिक्षा विभाग में एक नया विवाद सामने आया है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जसुपा) ने एक ऐसा दावा किया है, जिससे सरकार और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच सकता है।जसुपा का आरोप है कि बिहार में शिक्षक भर्ती में बाहरी राज्यों के लोगों को प्राथमिकता दी गई, जिससे बिहार के युवाओं के साथ अन्याय हुआ। इस दावे के बाद नीतीश सरकार की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं।

जन सुराज पार्टी का दावा

जन सुराज पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमित विक्रम और महेंद्र बैठा ने प्रेस वार्ता में कहा कि बिहार सरकार का दावा 3 लाख शिक्षकों की भर्ती का है, लेकिन वास्तविक आंकड़ा 2,68,548 है।इनमें 1.80 लाख शिक्षक बिहार के बाहर से भर्ती किए गए।बिहार के युवाओं को मात्र 80-90 हजार पद मिले।बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों ने नकली आवासीय प्रमाण पत्र और आधार कार्ड के जरिए नौकरी हथिया ली।

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बाहरी शिक्षकों की संख्या का गणित

90,000 बीपीएससी शिक्षक बाहरी राज्यों के हैं।90,000 पूर्व नियोजित शिक्षक भी बाहरी हैं।10,000 शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाई।कुल मिलाकर, 1.80 लाख बाहरी शिक्षक बिहार में भर्ती हो चुके हैं, जिससे बिहार के स्थानीय युवाओं के हक पर चोट हुई है।

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सरकार पर उठे सवाल

जन सुराज पार्टी ने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है, जिसमें यह बताया जाए कि—बिहार के कितने युवा-युवतियों को शिक्षक के रूप में नौकरी दी गई?बाहरी राज्यों के शिक्षकों को कितने पदों पर नियुक्त किया गया?फर्जी आवासीय और आधार कार्ड के जरिए कितने लोग बिहार में भर्ती हुए?

बिहार में डोमिसाइल नीति की कमी

जन सुराज पार्टी ने कहा कि बिहार में डोमिसाइल नीति (स्थानीय लोगों को आरक्षण) नहीं है, जिसके कारण बाहरी राज्यों के लोग आसानी से सरकारी नौकरियों में भर्ती हो जाते हैं। अगर डोमिसाइल नीति लागू होती, तो बिहार के युवाओं को अधिक नौकरियां मिल सकती थीं।

बिहार के औद्योगीकरण पर भी सवाल

जन सुराज पार्टी ने बिहार में औद्योगीकरण की धीमी गति पर भी सवाल उठाए।बांका में अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं हुआ।प्रधानमंत्री मित्र टेक्सटाइल पार्क सिर्फ वादा बनकर रह गया।केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह बिहार से हैं, लेकिन राज्य में एक भी टेक्सटाइल पार्क नहीं बना। इससे साफ जाहिर होता है कि बिहार में औद्योगिक विकास की गति बहुत धीमी है, जिससे रोजगार के नए अवसर नहीं बन रहे।

बिहार सरकार का पक्ष

हालांकि, बिहार सरकार की ओर से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों को खारिज किया गया है।सरकार का कहना है कि शिक्षक भर्ती योग्यता के आधार पर हुई, किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया।बीपीएससी परीक्षा सख्त प्रक्रिया के तहत कराई गई। फर्जी दस्तावेजों की जांच की जा रही है, और दोषी पाए जाने पर नियुक्ति रद्द की जाएगी।