Sanjay Jaiswal VS Prashant Kishore: 'बिहार के नटवरलाल के दादा हैं प्रशांत किशोर', भाजपा सांसद संजय जायसवाल का पीके पर सबसे बड़ा हमला, सबूत भी दिखाया

Sanjay Jaiswal VS Prashant Kishore: भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पर बड़ा हमला बोला है। संजय जायसवाल ने सबूत के साथ पीके पर हमला बोला है।

प्रशांत किशोर संजय जायसवाल
संजय जायसवाल का बड़ा हमला - फोटो : social media

Sanjay Jaiswal VS Prashant Kishore: बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर सातवें आसमान पर है। सभी पार्टियां एक दूसरे का कटाक्ष कर रही हैं। इसी बीच जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार भाजपा के कई नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और बीजेपी सांसद संजय जायसवाल भी शामिल हैं। पेट्रोल पंप को लेकर पीके और संजय जायसवाल के बीच सियासी संग्राम छिड़ गया है। संजय जायसवाल ने एक बार फिर पीके पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने पीके को ठगी की दुनिया में प्रचलित नटवरलाल का दादा करार दिया है। संजय जासवाल ने पीके पर एक और बड़ा आरोप लगाया है कि पीके की पार्टी को आंध्र प्रदेश के सांसद ने 14 करोड़ रुपए का चंदा दिया था लेकिन उनके ऑडिट रिपोर्ट खर्चा केवल 35 हजार रुपए दिखाया गया है। बीजेपी सांसद ने जनसुराज के ऑडिट रिपोर्ट को भी साझा किया है। 

नटवरलाल के दादा हैं पीके

संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पर ट्विट कर कहा कि," ठगी की दुनिया में बिहार की पहचान नटवरलाल से थी। प्रशांत किशोर ठगने में इसका दादा है क्योंकि नटवरलाल ने सामान्य मनुष्यों को ठगा किंतु पीके वह हस्ती है जो बिहार के बुद्धिजीवीयों को ठगता है । मैंने सात सवाल अभी तक पूछा है । उसमें से एक सवाल पत्रकार ने गलती से प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछ लिया तो संघी से लेकर प्रशांत महासागर में डूबाने तक की धमकी मिल गई"।

आंध्र प्रदेश के सांसद ने दिया 14 करोड़ रुपए चंदा

बीजेपी सांसद ने आगे लिखा कि, "चलिए एक पत्रकार के जवाब में प्रशांत किशोर ने यह तो बताया कि आंध्र प्रदेश के सांसद ने 14 करोड़ रुपए चंदा दिया । परंतु यह चंदा घाटे में डूबी कंपनी से क्यों दिलवाया इसका जवाब कोई पत्रकार कृपया खोज लीजिए। पत्रकारों से मेरा अनुरोध होगा कि जन सुराज पार्टी जो प्रशांत किशोर की नाजायज उत्पत्ति है और मेरे 2022 के सबूत देने के पश्चात एक बार इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर चले जाएं"? 

 ऑडिट रिपोर्ट में खर्चा महज 35 हजार रुपए         

उन्होंने आगे लिखा कि, "खैर मैं ही इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट से जनसुरज का ऑडिट रिपोर्ट जारी कर रहा हूं । पीके ने स्वीकार किया ‌कि एक कंपनी से 14 करोड़ रुपए चंदा उसे मिला है फिर 2023-24 में इलेक्शन कमीशन को जन सुराज पार्टी का खर्चा 35 हजार रुपए क्यों दिखाया है ? जी हां 2023-24 में जो 200 गाड़ियां चल रही थीं, फाइव स्टार टेंट और खाने की व्यवस्था थी। हर जिले में 10 से ज्यादा कर्मचारी बहाल थे जिनका काम नेताओं को धमकाना था कि किस तरह से नेतागिरी करनी है, उन सबका खर्चा महज 35000 रुपए है" ।


जायसवाल के सवाल 

संजय जायसवाल ने कहा कि, "यह भी देख लीजिए कि 17 सितंबर 2024 को भी जन सुराज पार्टी का अध्यक्ष सरत कुमार मिश्रा ही था। यह इलेक्शन कमीशन का वेबसाइट कहता है। हर पेज में उसके और कोषाध्यक्ष अजीत सिंह के दस्तखत मौजूद हैं। फिर 2 अक्टूबर‌ 2024 को गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी की उत्पत्ति कैसे हुई‌?  सरत कुमार मिश्रा महज 15 दिनों में कैसे हट गये और उदय सिंह जी कैसे अध्यक्ष हो गए? मैं इसीलिए कहता हूं कि प्रशांत किशोर अपना करोड़पति बनने का फार्मूला बिहार के युवाओं को दे देता तो सबसे बड़ा बदलाव यात्रा यही होता। इसके बार भाजपा सांसद ने ट्विट के साथ जन सुराज पार्टी का इलेक्शन कमीशन को दिया हुआ ऑडिट रिपोर्ट भी साझा किया है और कहा है कि जो बिहार के सैकड़ो पत्रकार और हजारों यूट्यूबर गलती से नहीं देख सके। 15 दिन पहले मुझे इस काम में दस सेकंड लगा था"।  

केवल चंदा  2 करोड़ 35 हजार तो खर्च केवल 35 हजार कैसे 

यही नहीं इसके तुरंत बाद संजय जायसवाल ने एक और पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि, "विज्ञान का छात्र रहा हूं इसलिए क्यों और कैसे सोचने की आदत है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीके ने खुद स्वीकार किया कि उसे 14 करोड़ रुपए सांसद अयोध्या रामी रेड्डी ने चंदा के रूप में पिछली सेवाओं के लिए दिया था। तो फिर जनसुराज का चंदा केवल 2 करोड़ 42 लाख ही क्यों है और खर्च केवल 35 हजार रुपए ही क्यों हैं ?  पीके ने जब 14 करोड़ चंदा लिया तो फिर इसे अपने निजी खाते में रखा या यह भी एक बड़ा घोटाला है"। 

आंध्र प्रदेश के सांसद पर वित्तीय घोटाले का केस

उन्होंने कहा कि, "बिहारी सबसे ईमानदार होते हैं इसलिए सोचता था कि एक बिहारी को घोटाले करके इतना निश्चिंत घूमने की क्षमता कैसे है? इसके आका अयोध्या रामी रेड्डी जो देश के सबसे अमीर सांसद है उनके ऊपर वित्तीय घोटालों के केस की लंबी लिस्ट से  हैरान हूं। गुरु गुड़ है तो चेला चीनी बनेगा ही। कहीं ऐसा तो नहीं है कि वाईएसआर कांग्रेस आंध्र प्रदेश में साफ होने के बाद पीके पर दांव लगा रही है कि अब तुम बिहार लेकर वहां की सारी ठेकेदारी हमारे हवाले करो। वाईएसआर कांग्रेस को सोचना चाहिए कि पीके उन्हें आंध्र प्रदेश में नहीं जीता सका तो वह खुद बिहार में क्या जीतेगा ? भारत के सबसे अमीर सांसद पर जरा केस की लिस्ट देखिए"। संजय जायसवाल ने इसके साथ लिस्ट भी साझा किया है। 

पटना से नरोत्तम की रिपोर्ट